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गिद्धौर PHC में भर्ती 1 कोरोना मरीज की तबियत बिगड़ी, मौत से इलाके में हड़कंप

न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:-
जिले में अब कोरोना वायरस ने पैर पसारना शुरू कर दिया हे। एक के बाद एक पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद अब तक जिले में  कोरोना संक्रमितों की संख्या 40 पहुंच चुकी है। भेजे गए 1075 सैंपल में से 90 सैम्पल की रिपोर्ट पेंडिंग है। इस परिदृश्य मे मंगलवार की देर रात एक 64 वर्षीय व्यक्ति कोरोना की जंग हार गए। उनके मौत की खबर पर जिलेभर में हड़कम्प मच गया। जिलेवासियों को घटना की सूचना पहुंचते ही दहशत का माहौल कायम हो गया। कोरोना के खौफ का आलम इस कदर लोगों में व्याप्त था कि बेफिजूल घूमने फिरने वाले नदारद दिखे।


सिविल सर्जन डॉ. विजेंद्र सत्यार्थी ने बताया कि मृतक खैरा थाना के चौकिटाड इलाके के रहने वाले थे जो मुम्बई से 22 अप्रैल को जमुई पहुंचे थे। सैम्पल की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें गिद्धौर पीएचसी में कोविड केयर सेन्टर लाया गया था। मंगलवार की तकरीबन 9 बजे रात में उनकी हालत बिगड़ने के बाद उसे पटना रेफर किया गया, जिस दौरान बरबीघा के समीप रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। उसके बाद मृतक के शव को सदर अस्पताल जमुई लाया गया, जहाँ शव को सैनिटाइज कर प्लास्टिक में पैक कर उनके स्वजन को सौंपा जाएगा, साथ ही दाह संस्कार करने वालों को सेफ्टी कीट भी मुहैया कराई जाएगी।


*- बोले परिजन - डॉक्टरों की लापरवाही से गयी जान

मरीज के शव को देखने सदर अस्पताल जमुई पहुंचे स्वजन ने बताया कि चिकित्सकों के लापरवाही की वजह से करोना पॉजिटिव की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को व्यक्ति मुंबई से श्रमिक एक्सप्रेस से जमुई पहुंचा था जिसे प्लस टू उच्च विद्यालय खैरा में रखा गया था, जहां से तबीयत बिगड़ने के बाद उसका सैंपल पटना भेजा गया था। उसके बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे गिद्धौर पीएचसी में रखा गया था जहां खाना में सिर्फ चावल दिया जाता था और डॉक्टर भी इलाज के लिए मौजूद नहीं रहते थे। कई दिनों से वह बीमार चल रहे थे लेकिन चिकित्सक द्वारा इलाज नहीं किया जा रहा था। इसकी शिकायत सिविल सर्जन से लेकर सांसद चिराग तक भी की गई थी, बावजूद इसके कुछ परिणाम देखने को नहीं मिला। परिजनों ने यह भी बताया कि जब अपने अभिभावक से मिलने वे गिद्धौर अस्पताल बुधवार की सुबह पहुंचे तो वहां उन्हें पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है।

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इधर, सूत्रधार बताते हैं कि मरीज की बिगड़ती तबियत से वे गिद्धौर पीएचसी में ही न दम तोड़ दे इसलिए प्रबन्धन द्वारा उन्हें रेफ़र कर दिया ताकि बखेड़ा खड़ा न हो। यहां यह भी गौरतलब यह है कि मौत के मामले आने से पूर्व गिद्धौर पीएचसी से पहले 11 फिर 4 व उसके बाद 1 मरीज के रिपोर्ट  नेगेटिव आने के बाद उन्हें ससम्मान विदाई दी गयी थी, पर इसे अब व्यवस्था की मार कहिये या कोरोना का आतंक जिले में 64 वर्षीय वृद्ध की मौत के बाद सूबे में मृतकों की सख्या 25 हो गयी है।