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शनिवार, 23 मई 2020

अलीगंज : निजी विद्यालय के शिक्षकों व संचालकों के लिए अनुदान की हुई मांग

अलीगंज (चन्द्र शेखर सिंह) Edited by- Abhishek.


इंडिपेंडेंट स्कूल एन्ड चिल्ड्रेन बेलफेयर ऐशोसियेशन के राज्य प्रतिनिधि प्रो. आनंद लाल पाठक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि देश में अचानक आई आफत कोरोना वायरस से बचाव हेतु पुरे देश में लाकॅडाउन की घोषणा कर दी गयी है। सभी स्कूल बंद कर दिये गये। जिससे प्राईवेट विद्यालय संचालकों व शिक्षको के स्थिति काफी दयनीय बनी हूई। उन्होंने कहा कि सरकार ऑनलाइन पढाने की आदेश जारी तो कर दिये, लेकिन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कितने अभिभावक व छात्र ऑनलाइन पठन-पाठन कर सकते है। शहरों में बडे -बड़े नीजी विधालयो में इसकी शुरुआत भी कर दी गयी है।उन्हें फीस भी ऑनलाइन मिल जायेगी। लेकिन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न फीस पर अध्यन कर रहे छात्र ऑनलाइन पढाई कैसे कर पायेंगे यह अभिभावकों के लिए भी काफी चिन्ता का विषय बनकर उन्हें अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिन्ता बढ़ा दिया है। राज्य प्रतिनिधि श्री पाठक ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित प्राईवेट विधालयो के लिए तत्काल राहत उपलब्ध करवाने के लिए अनुदान की व्यवस्था करें राज्य सरकार। संघ के जिला सलाहकार अशोक कुमार ने कहा कि सरकार नीजि विधालय संचालकों के लिए अविलंब अनुदान देकर सहयोग दें। लाकॅडाउन होने से स्कूल बंद होने से अचानक ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न फीस वाले विधालय संचालकों व शिक्षको पर परेशानियों का सबब बन कर आ खड़ा हुआ। प्रखंड अध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद ने कहा कि कोरोना को लेकर प्राईवेट विधालय संचालकों व शिक्षकों की स्थिति काफी दयनीय हो गयी। संचालकों व विधालय में अध्यापन का कार्य करने वाले शिक्षकों के परिवारों के बीच भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।एक ओर सरकार सभी लोगों को सहयोग प्रदान कर रही है। वहीं, निजी विद्यालयों  के संचालकों व शिक्षको को नजरअंदाज कर रही है।जिससे उनके परिवार खाने को मोहताज हो रहे हैं। संघ के नेताओं ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे तो फीस नही दे पाते हैं। ऑनलाइन फीस सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों से संभव नही हो पायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोगों से ऑनलाइन पठन पाठन के साथ ऑनलाइन पेमेट करना संभव नही हो सकता है।लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नीजि विधालय संचालकों व उसमें कार्यरत शिक्षको के लिए अविलंब अनुदान देकर सहयोग करने की मांग की है।

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