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जमुई : कोरोना से सुहागिनों के लिए फीकी हो जाएगी वट सावित्री पूजन, 22 को है व्रत

न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:-

 सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का खास महत्व है। कोरोना संकट के बीच ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या 22 मई शुक्रवार को वट सावित्री व्रत पड़ रहा है। संयोग से इसी दिन शनि जयंती भी है। हिंदू धर्म में वट वृक्ष को पूजनीय माना गया है।


शास्त्रों के मुताबिक, ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) तीनों देवों का बरगद के पेड़ में वास होता है। इसलिए कहा जाता है कि सौभाग्य की प्राप्ति बरगद के पेड़ की आराधना करने से मिलती है। वट सावित्री व्रत में तीनों देवताओं से अपने पति की दीर्घायु की कामना महिलाएं सावित्री के समान करती हैं।
गिद्धौर की कई सुहागिन महिलाएं बताती हैं कि व्रत वाले दिन सावित्री और सत्यवान की कथा सुनाने का विधान है। इस दिन उपवास और पूजा करने वाली महिलाओं के पति पर आई हर विपदा टल जाती है और उनकी आयु लंबी होती है।