【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:- कोरोना के इस संकट काल में सांसद से मदद की आस लगाए जमुई जिले वासियों की हसरतें अधूरी रह गयी। कारण यह कि जमुई लोकसभा को कोरोना से बचाव के लिए सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना यानी ‘एमपीलैड’ निधि से सांसद चिराग पासवान द्वारा दिये गए एक करोड़ रुपये के लाभ से लोस क्षेत्र के जरूरतमंद वंचित रह गए।
हालांकि लोक जन शक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमुई जिले के गिद्धौर, सोनो, झाझा, चकाई, लक्ष्मीपुर आदि प्रखंडों में मास्क, सेनेटाइजर, हैंडवाश आदि का वितरण किया पर अपेक्षा के अनुरूप इस दौरान कई जरूरतमंद वंचित रह गए और कार्यकर्ताओं ने पार्टी के आड़ में अपना पल्लू साध महज औपचारिकता पूरी की।
सांसद चिराग के इस महत्वपूर्ण योगदान में उनके ही कार्यकर्ताओं के बंदरबांट से कई जगह पार्टी की खिल्ली उड़ाई गई। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने इस पर नाराजगी जाहिर की। कुछ लोग पार्टी कार्यकर्ताओं पर उंगली उठा रहे थे तो कुछ लोगों द्वारा इसे राजनीतिक हवाला दिया गया। gidhaur.com ने जब इसकी पड़ताल की तो, ज्ञात हुआ कि सांसद के इस राशि की बंदरबांट होने के परिणामस्वरूप जरूरतमंदों के लिए की गई यह पहल फिसड्डी साबित हुई। फेसबुक यूजर चंदन शर्मा लिखते हैं कि सितुचक गांव में वितरण नहीं हुआ। वहीं, बातचीत के क्रम में सांसदीय क्षेत्र के लोगों ने gidhaur.com से कहा कि सांसद चिराग के इस अनुकरणीय पहल को धरातल पर पहंचाने के लिए कार्यकर्ताओं ने कोई जहमत नहीं उठाई।
यहां यह बता दें कि, सांसद चिराग ने 25 मार्च 2020 को अपने पत्रांक 1015 /सीपी/वीआईपी/2020 - के माध्यम से कोरोना वायरस से बचाव हेतु सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना यानी ‘एमपीलैड’ निधि से 1 करोड़ रुपये जमुई लोकसभा में अनुशंसा करने की बात जिला योजना पदाधिकारी जमुई से कही थी। उन्होंने अपने पत्र में जिक्र किया था कि वे एमपीलैड निधि से एक करोड़ रुपया जमुई लोकसभा क्षेत्र में देने को इच्छुक हैं। लोक सभा क्षेत्र में आर्थिक कठिनाई न हो और इस पैसे का सदुपयोग आवश्यक चीजे जैसे मास्क, सैनेटाइजर, थर्मल स्कैनर, हैंडवाश इत्यादि के वितरण में कर सके। इसके लिए सांसद चिराग ने सहमति व स्वीकृति भी प्रदान की थी, पर कोरोना काल को देखते हुए जमुई लोकसभा के हित में दिए गए जरूरी सामग्रियों की राशि के बंदरबांट से लोकसभा क्षेत्र की जनता को मायूसी हाथ लगी है।
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चिराग, सांसद जमुई लोस |
सांसद चिराग के इस महत्वपूर्ण योगदान में उनके ही कार्यकर्ताओं के बंदरबांट से कई जगह पार्टी की खिल्ली उड़ाई गई। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने इस पर नाराजगी जाहिर की। कुछ लोग पार्टी कार्यकर्ताओं पर उंगली उठा रहे थे तो कुछ लोगों द्वारा इसे राजनीतिक हवाला दिया गया। gidhaur.com ने जब इसकी पड़ताल की तो, ज्ञात हुआ कि सांसद के इस राशि की बंदरबांट होने के परिणामस्वरूप जरूरतमंदों के लिए की गई यह पहल फिसड्डी साबित हुई। फेसबुक यूजर चंदन शर्मा लिखते हैं कि सितुचक गांव में वितरण नहीं हुआ। वहीं, बातचीत के क्रम में सांसदीय क्षेत्र के लोगों ने gidhaur.com से कहा कि सांसद चिराग के इस अनुकरणीय पहल को धरातल पर पहंचाने के लिए कार्यकर्ताओं ने कोई जहमत नहीं उठाई।