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गिद्धौर-पटना आने जाने वाली कई ट्रेनों के रूट बदले, 2 अप्रैल तक होगी परेशानी, जानिए क्यों

न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:-

रेल यात्रीगण कृपया ध्यान दें। यदि किउल-जसीडीह रेलखंड के बीच आपको काम है तो निपटा लीजिये, क्योंकि 19 मार्च से इस रुट की सभी ट्रेनें प्रभावित हैं। यूं कहें कि 19 मार्च से किऊल होकर पटना जाना मुश्किल हो जाएगा।
गिद्धौर रेलवे स्टेशन
दानापुर डिवीसीन अंतर्गत किउल-जसीडीह रेल खंड के गिद्धौर रेलवे स्टेशन सहित इसके अंतर्गत सभी स्टेशनों पर आगामी 15 दिन वीरानगी छाई रहेगी।  इस रेलखंड पर नित्य दिन दौड़ने वाली डेढ़ दर्जन से भी अधिक ट्रेनें की सीटियां लोगों को अब कम सुनने को मिलेगी। कारण यह कि इस रेलखंड के लगभग सभी ट्रेनों का आगामी 19 मार्च से 2 अप्रैल तक परिचालन या तो दूसरे रूट में कर दिया गया या उन्हें रद्द कर दिया गया है।
आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी अनुसार, दानापुर रेलमंडल के पटना-झाझा मेन लाइन पर अवस्थित किउल स्टेशन पर आरआरआइ की स्थापना हेतु जारी एनआई कार्य तथा पोस्ट एनआइ कार्य को ले आगामी 2 अप्रैल तक जसीडीह- किउल की तरफ आने जाने वाली कई ट्रेनों का परिचालन रद्द रहेगा, साथ ही कई ट्रेनों के रूट बदले गए हैं।
बता दे कि, गिद्धौर के यात्रियों को पटना आने- जाने के लिए रेल मार्ग ही सबसे सुगम और सुलभ माध्यम है। पर 19 मार्च से 2 अप्रैल तक रेल मार्ग बाधित रहने से अब इन क्षेत्र के लोगों को सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ेगा। हालांकि कुछ लोकल ट्रेने हैं जो अपने गंतव्य तक अप-डाउन करेगी, लेकिन ट्रेनों की संख्या कमने पर इन ट्रेनों में भीड़ का अन्दाजा सहज ही लगाया जा सकता है। यह नजारा पटना रुट और जसीडीह रुट की ओर जाने वाली ट्रेनों में भी देखने को मिलेगा।


- गिद्धौर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली कुछ ट्रेनें -

इस अवधि में गिद्धौर रेलवे स्टेशन से 3 जोड़े ट्रेन ही यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचा सकेगी। ये निम्नआंकित हैं -

63207-अप-डाउन : ईएमयू पटना

8183/84- अप-डाउन : टाटा दानापुर सुपर एक्सप्रेस

63571/72 - अप-डाउन : देवघर-मोकामा ई एमयू


हालांकि, किऊल रेल प्रशासन का दावा है कि ये मुश्किलें यात्रियों को अधिक दिनों तक नही झेलनी पडे़गी। किउल में चल रहे आरआरआई कार्य को दो अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद यात्रियों को ट्रेन के लिए लंबा इंतजार नही करना पड़ेगा।  ट्रेन परिचालन बंद होने से यात्रियों को काफी परेशानी का झेलनी पड़ेगी। रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों के लिए कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं देखी जा रही है।  इस अवधि में ट्रेन बाधित रहने से रेलवे बोर्ड को भी राजस्व का काफी नुकसानहोगा साथ ही कई यात्रियों को आर्थिक, मानसिक व शारीरिक परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है।

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