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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

जमुई : 'कृष्ण' की खोज में भटक रहे हैं सुदामा, छिड़ गई मुहिम

न्यूज़ डेस्क  | अभिषेक कुमार झा :-

यूं तो मौजूदा सरकार ने खेल कूद को बढ़ावा देने के लिए संभावनाओं के कई द्वार खोल दिया है, पर खेल के क्षेत्र में अपना जौहर दिखाने वाले कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को उड़ान नहीं दे पा रहे।  जमुई जिले के डुमरकोला गांव निवासी राष्ट्रीय एथलीट सुदामा कुमार यादव इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं।
राष्ट्रीय एथलीट सुदामा
जिले के अधिकारी ही नहीं बल्कि पूरा सूबे,  युथ एथेलेटिक्स में बिहार को स्वर्ण पदक दिलाने वाले  सुदामा के प्रतिसाद रहे हैं। गरीब घराने से ताल्लुकात रखने वाले इस होनहार और जाबांज़ खिलाड़ी के जौहर का लोहा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैदान भी मान चुके है। सुदामा ने सूबे के साथ-साथ जमुई को भी कई बार गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया। लेकिन गरीब और निर्धन सुदामा की प्रतिभा को सहयोग करने वाले कृष्ण के आस में कुंठित हो रही है।

-क्या है वजह,जान लीजिए -

पिछले वर्ष हांगकांग में 13-17 मार्च को आयोजित तीसरी युवा एशियाई खेल में देश का सुदामा ने  प्रतिनिधित्व किया था। कम्पटीशन में मात्र 5 मिनट पूर्व वार्म-अप के दौरान सुदामा के घुटने में (लेफ्ट नी जॉइंट) चोट लगने से उसका एसीएल क्षतिग्रस्त हो गया। रेडियो डायग्नोसीस की रिपोर्ट पर डॉक्टर ने सर्जरी की सलाह दी। इस सर्जरी में मोटी रकम की आवश्यकता है जिसके पूर्ति के लिए सुदामा अपने कृष्ण की तलाश में है। इलाज के आस में तकरीबन एक वर्ष से सुदामा अपने सफलता के द्वार तक नहीं पहुंच पा रहे।

 - साईकिल यात्रा विचारमंच ने की पहल, मदद के लिए बढ़ रहे हैं हाथ -

सुदामा के थमते हौसलों को गति देने के उद्देश्य से साईकिल यात्रा एक विचार जमुई ने 'मिलाप' संस्था के माध्यम से ऑनलाइन फंडिंग की पहल की। अब इस पहल में 21 लोगों ने सपोर्टर्स के रूप में सहयोग राशि देकर इस सुदामा के लिए कृष्ण की भूमिका निभाई। समाचार लिखे जाने तक उक्त 21 लोगों से कुल 6,791 रुपये सुदामा के इलाज के लिए संग्रहित किये जा चुके हैं, जो कि लक्ष्य से कई गुना कम है। हालांकि इस पहल में विचारमंच के सदस्यों के अलावे कई युवा भी इस पहल में अपनी भागीदारी निभाते हुए सुदामा के लिए आर्थिक सहयोग जुटाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। यही जोर सुदामा के जीवन की दशा और दिशा तय करेगी।

 - प्रशासनिक सहयोग से बदल सकती है तस्वीर -

जमुई जिले को गौरव का ताज पहनाने में अपनी महती भुमिका निभाने वाले सुदामा को अब तक न तो प्रशासनिक स्तर पर कोई सहयोग मिल पाया है और न ही राजनीतिक स्तर पर उसकी प्रतिभा को पटरी पर लाने का प्रयास किया गया।
हालांकि, जमुई के राजनीतिक गलियारों से ताल्लुक रखने वाले राजनेताओं की भी दिलचस्पी इस ओर नहीं दिख रही।
 साईकिल यात्रा विचारमंच द्वारा किये गए ऑनलाइन फंडिंग के इस पहल में यदि  सुदामा को प्रशासनिक व राजनीतिक स्तर पर सहयोग मिले तो कुंठित होती खेल प्रतिभा के इस तस्वीर में बदलाव देखी जा सकेगी।

- सुदामा की मुख्य उपलब्धियां एक नजर में-

◆  राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय पदक 6 बार से अधिक जीत चुके हैं।

◆ 63वें स्कूल नेशनल गेम (65.83m) में ब्रॉन्ज़ मेडल

◆ 15वें नेशनल इंटर डिस्ट्रिक्ट जूनियर नेशनल मीट 2017-2018 में गोल्ड मेडल विजेता (64.48मि. न्यू रिकॉर्ड)

◆ 15वें नेशनल युथ एथलेटिक चैम्पियनशिप 2018 में ( 71.06मि.) ब्रॉन्ज़ मेडल

◆ नेशनल जावेलिन थ्रो चैंपियनशिप 2018 में सिल्वर मेडल (71.71m)

◆ खेलो इंडिया युथ गेम 2019 में ब्रॉन्ज़ मेडल (72.37मी.)

◆ 16वीं नेशनल युथ एथलेटिक चैंपियनशिप 2019 में गोल्ड मेडल (72.34 मी.)

◆ खेल के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि के लिए बिहार सरकार  द्वारा सम्मानित

  - आप भी बन सकते हैं सुदामा के कृष्ण -

मिलाप डॉट ओआरजी (milaap.org) पर साईकिल यात्रा विचारमंच द्वारा छेड़े गए ऑनलाइन फंडिंग की मुहिम में आप भी इस गरीब सुदामा के लिए कृष्ण की भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिए सहयोग राशि के तौर पर डोनेट करके सुदामा के लेफ्ट नी सर्जरी के लक्ष्य को सरल बना कर जमुई के इस प्रतिभावान खिलाड़ी के हौसलों व अरमान को पंख दे सकते हैं ताकि ये प्रतिभा उच्चतर फलक पर जमुई को गौरवान्वित कर सके।

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