【न्यूज़ डेस्क/अभिषेक कुमार झा】
मंगोबन्दर पूल पर टूटे हुए बेरिकेटिंग पर वाहनों के आवागमन से दुर्घटना की संभावना बढ़ गयी है।
बता दें, बीते 26 जनवरी को जिले के खैरा-सोनो मुख्य मार्ग 333 ए के सुखनर नदी पर बने पुल के पश्चिमी भाग के बैरिकेट को सोनो की ओर से आते एक ट्रक (WB23E0136) के चालक द्वारा तोड़ दिया गया था।
सूत्रों की मानें तो यह घटना दिन के करीब 12 बजे हुई थी। 26 जनवरी के दिन ग्रामीणों,के कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण वाहन चालक होशियारी का परिचय देते हुए भागने में सफ़ल हुआ। विदित हो कि कुछ दिन पूर्व सुखनर नदी पुल के पूर्वी भाग पर लगे बैरिकेट को किसी अज्ञात वाहन द्वारा भी तोड़ दिया गया था। वहीं बताते चलें कि मांगोबंदर में सुखनर नदी एवं नरियाना में किऊल नदी पर बने दोनों पुल,के स्लैब को टूटे करीब चार वर्ष होने को हैं पर आज तक विभाग द्वारा उसकी मरम्मती नहीं करवाई गई है।
वहीं विभाग द्वारा बड़े एवं भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने हेतु मांगोबंदर एवं नरियाना में बैरिकेट एवं सुरक्षा दीवार की व्यवस्था की गई थी। कुछ दिनों तक वहां पर चौकीदार की तैनाती भी की गई पर वर्तमान में उनके नहीं रहने से वाहन चालकों की मनमानी रहती है। वहीं समय रहते बैरिकेट के न लगने से बड़ी गाड़ियों का आवागमन जारी हो गया है, जिससे पुल के और स्लैबों के टूटने की संभावना बन सकती है। देखा जाए तो जिले में सिर्फ नाम के सड़क परिवहन कानून हैं उसका सख्ती से पालन करबाने वाला कोई नहीं है। यात्री एवं माल वाहक वाहन चालकों के क्षमता से अधिक माल एवं सवारी ढ़ोने से पुल-पुलियों एवं सड़क की स्थिति दिनों-दिन जर्जर होते जा रही है।यात्री वाहनों में सीट से अधिक यात्रियों को बैठाकर वाहन चालकों द्वारा मनमानी किया जा रहा है, जिससे यात्री वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। सारे कार्य प्रशासनिक अधिकारियों की जानकारी में भी है फिर भी प्रशासन उदासीन बन बैठा है।