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Wednesday, 1 January 2020

मौरा के अजीत ने महानगर में छोड़ दी नौकरी, मशरूम के कारोबार से खोला रोजगार का द्वार



न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:-


एक सक्षम व्यक्ति के सकारात्मक सोच में दूरदर्शिता का मिश्रण आम जन के लिए कितना फायदेमंद होता है, इसके एक उदाहरण के रूप जमुई जिले के गिद्धौर प्रखण्ड अन्तर्गत मौरा गांव में देखने को मिल रही है। जहां मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे अजीत कुमार झा होटल इंडस्ट्री की नौकरी छोड़कर मशरूम की खेती को बढ़ावा देने में अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं।


अजीत ने नौकरी छोड़ कर न केवल मशरूम की खेती शुरू की, बल्कि इसे कारोबार का रूप देकर क्षेत्र के कई युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। क्षेत्र का सर्वाधिक पढ़ा जाने वाले पोर्टल gidhaur.com के संवाददाता के रूप में भी अपना योगदान दे रहे हैं।


- आत्मा से लिया मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण -

अजीत ने मशरूम उत्पादन के लिए कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद वैष्णव स्वंय सहायता समूह मशरूम फ़ार्म की पंजीकृत रूप से स्थापना कर स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोल दिये। इसके अलावे गांव में ही डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए वसुधा केन्द्र खोला ताकि ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए 8 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय न जाना पड़े

- स्वाबिलम्बी बनने की पहल में जीवन को मिली एक नई दिशा -

स्थानीय युवाओं के प्रेरणास्त्रोत अजीत बताते हैं कि स्वाबिलम्बी बनने की पहल में जीवन को एक नई दिशा मिली। मैनेजमेंट की नौकरी के क्रम में ही उन्हें मशरूम की खूबी की जानकारी हो गई थी। उपज कम और मांग ज्यादा होना उन्हें इस कारोबार की ओर आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि मशरूम स्वादिष्ट के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है।


 मां बाप की सेवा और गांव में बेरोजगारी ने जोड़ दिया मशरूम से नाता 

अजीत बताते हैं कि जब वो नौकरी में थे पिताजी बीमार रहने लगे। उनके मां-बाप को सेवा की आवश्यकता पड़ी। ऐसे में उनकी देखभाल के लिए लंबे समय तक उन्हें अपने गांव मौरा में ही रुकना पड़ा। इस दौरान उन्होंने अपने गांव में बेरोजगारी की हालत को बेहद करीब से देखा। अंत मे उन्होंने नौकरी से इस्तीफ़ा देकर मशरूम से नाता जोड़ लिया। आज इनके संघर्ष और अथक प्रयास से मशरूम मार्केटिंग को बढ़ावा मिल रहा है, युवाओं को अर्थोपार्जन के स्त्रोत उपलब्ध हो रहे हैं, महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। समाजहित में अजीत के इस सकारात्मक पहल से मौरा गांव के लोगों का मशरूम के प्रति रुझान बढ़ा है, लोगों की सोच में भी सकारात्मकता का संचार देखा जा रहा है।

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