【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】 :-
बीएसटीईटी परीक्षा में शामिल होने से वंचित कुल 600 अभ्यर्थियों ने सामूहिक रूप से डीएम को ज्ञापन सौप न्याय की गुहार लगाई है।
जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार को सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार, बीते 28 जनवरी 2020 को आयोजित माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा ( बीएसटीईटी) में परीक्षा का समय 10:00 रखा गया था लेकिन निर्देशानुसार परीक्षार्थी 9:00 बजे ही प्रवेश करने के लिए लाइन में खड़े थे, फिर अचानक 9:25 बजे में गेट बंद कर दिया गया और जांच की प्रक्रिया धीमी रहने के कारण प्रवेश से वंचित रह गए। परिणामतः अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह गए। जबकि अन्य जिले में 10:00 बजे तक प्रवेश करवाया गया था। कुछ केंद्रों पर तो छात्राओं के साथ पुरुष पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज भी किया गया, अभद्र व्यवहार के साथ कुछ छात्र - छात्राएं गंभीर रूप से घायल भी हो गए। बताया गया कि परीक्षा से वंचित रहने के कारण अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
डीएम को सौपे गए इस ज्ञापन में अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा को रद्द कर पुनः परीक्षा लिए जाने की मांग की है। इस ज्ञापन की प्रतिलिपि बिहार सरकार मुख्यमंत्री, राज्यपाल, शिक्षा मंत्री, प्रधान सचिव, बीएसईबी निदेशक, सांसद चिराग पासवान, जमुई विधायक विजय प्रकाश एवं डीआईजी मुंगेर को प्रेषित की गई है।
उक्त ज्ञापन मुन्ना कुमार, चंदन कुमार पंडित, विजय कुमार, कुमारी रंगोली, प्रतिमा पांडे, नयन कुमार गुप्ता, किरण कुमारी, निशा भारत, कुमारी नेहा सिंह, धीरज कुमार सिंह, कुमारी अर्चना सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों से हस्ताक्षर युक्त है।
बीएसटीईटी परीक्षा में शामिल होने से वंचित कुल 600 अभ्यर्थियों ने सामूहिक रूप से डीएम को ज्ञापन सौप न्याय की गुहार लगाई है।
जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार को सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार, बीते 28 जनवरी 2020 को आयोजित माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा ( बीएसटीईटी) में परीक्षा का समय 10:00 रखा गया था लेकिन निर्देशानुसार परीक्षार्थी 9:00 बजे ही प्रवेश करने के लिए लाइन में खड़े थे, फिर अचानक 9:25 बजे में गेट बंद कर दिया गया और जांच की प्रक्रिया धीमी रहने के कारण प्रवेश से वंचित रह गए। परिणामतः अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह गए। जबकि अन्य जिले में 10:00 बजे तक प्रवेश करवाया गया था। कुछ केंद्रों पर तो छात्राओं के साथ पुरुष पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज भी किया गया, अभद्र व्यवहार के साथ कुछ छात्र - छात्राएं गंभीर रूप से घायल भी हो गए। बताया गया कि परीक्षा से वंचित रहने के कारण अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
डीएम को सौपे गए इस ज्ञापन में अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा को रद्द कर पुनः परीक्षा लिए जाने की मांग की है। इस ज्ञापन की प्रतिलिपि बिहार सरकार मुख्यमंत्री, राज्यपाल, शिक्षा मंत्री, प्रधान सचिव, बीएसईबी निदेशक, सांसद चिराग पासवान, जमुई विधायक विजय प्रकाश एवं डीआईजी मुंगेर को प्रेषित की गई है।
उक्त ज्ञापन मुन्ना कुमार, चंदन कुमार पंडित, विजय कुमार, कुमारी रंगोली, प्रतिमा पांडे, नयन कुमार गुप्ता, किरण कुमारी, निशा भारत, कुमारी नेहा सिंह, धीरज कुमार सिंह, कुमारी अर्चना सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों से हस्ताक्षर युक्त है।
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