【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा / धनंजय कुमार 'आमोद'】:-
महंगाई की मार से घायल हुए आमजन के घाव अभी भरे ही थे कि सिलिंडर गैस की बढ़ती कीमतों ने उन्हें फिर कुरेद दिया। जी हां, हम बात कर रहे हैं रिफिल गैस की बढ़ती कीमतों की जो लगातार 4 महीने से घरेलू रसोई की बजट पर भारी पड़ रहा है।
रसोई गैस के अलावे प्याज, आलू, आटा और सरसों तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी ने घरेलू बजट को पूर्णतः बिगाड़कर रख दिया है। आमजन पर इसका प्रभाव उनके भोजन के जायके पर भी पड़ रहा है। पिछले 4 महीने के आंकड़ों पर ही गौर करें तो, अक्टूबर माह से लेकर जनवरी 2020 तक रिफिल रसोई गैस की कीमत 698 रुपये से लेकर 816 रुपये तक पहुंच गई है।
गैस की बढ़ती कीमत एक नजर में -
माह - कीमत
अक्टूबर 2019 : ₹ 698.00
नवम्बर 2019 : ₹ 774.00
दिसम्बर 2019 : ₹ 793.50
जनवरी 2020 : ₹ 816.00
क्षेत्र का सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला पोर्टल gidhaur.com टीम ने जब इस ओर जनता का मिजाज जानना चाहा तो ज्ञात हुआ कि रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से सबसे ज्यादा प्रभावित गृहणियां हुई हैं। महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि एक तो पहले ही प्याज, लहसून और आलू की कीमत चरम पर है और अब रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने उनके बजट पर भी कड़ा प्रहार किया है।
- बढ़ती कीमतों के विरोध में गृहिणी ने व्यक्त की तीखी प्रतिक्रियाएं-
1). गृहिणी मालती कुमारी बताती हैं कि घरेलू बजट बनाकर रसोईयों का संचालन करना पड़ता है। ऐसे में सरकार हर महीने गैस की कीमतों में बढ़ोतरी कर देती है, जिससे कीचन का बजट बिगड़ा स्वाभाविक है।
2). गृहिणी अर्चना झा कहती है कि महंगाई की मार सर्वाधिक मध्यमवर्गीय को झेलना पड़ता है। प्याज की बढ़ती कीमत के बाद रिफिल गैस की बढ़ती कीमत महिलाओं के घरेलू बजट को छिन्न-भिन्न करके रख दिया है।
3 ). गृहिणी वीणा कुमारी चिंताजनक स्वर में बताती है कि उज्ज्वला योजना लाकर सरकार ने मुफ्त गैस कनेक्शन उपलब्ध करा दिया लेकिन इसकी बढ़ती कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण न होना परेशानी का कारण बना है। बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने की जरूरत है।
4 ). कुशल गृहिणी कविता कुमारी कहती हैं कि कभी दाल तो कभी प्याज अब रसोई गैस की कीमत भी परवान चढ़ गई है। महंगी हो रही रसोई उत्पादों को लेकर सरकार को मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है।
- - - - - - - - - - -- - - - - - - - -
-
कुल मिलाकर यदि कहा जाय तो बढ़ती कीमतों ने महिलाओं के घरेलू बजट और जायके को बिगाड़ा, लिहाजा गैस की बढ़ती कीमत और महंगाई के बढ़ते ग्राफ की तुला पर आम आदमी का बजट हल्का पड़ रहा है। इसको लेकर गृहिणी महिलाएं आक्रोशित और उद्वेलित हैं।
-
महंगाई की मार से घायल हुए आमजन के घाव अभी भरे ही थे कि सिलिंडर गैस की बढ़ती कीमतों ने उन्हें फिर कुरेद दिया। जी हां, हम बात कर रहे हैं रिफिल गैस की बढ़ती कीमतों की जो लगातार 4 महीने से घरेलू रसोई की बजट पर भारी पड़ रहा है।
रसोई गैस के अलावे प्याज, आलू, आटा और सरसों तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी ने घरेलू बजट को पूर्णतः बिगाड़कर रख दिया है। आमजन पर इसका प्रभाव उनके भोजन के जायके पर भी पड़ रहा है। पिछले 4 महीने के आंकड़ों पर ही गौर करें तो, अक्टूबर माह से लेकर जनवरी 2020 तक रिफिल रसोई गैस की कीमत 698 रुपये से लेकर 816 रुपये तक पहुंच गई है।
गैस की बढ़ती कीमत एक नजर में -
माह - कीमत
अक्टूबर 2019 : ₹ 698.00
नवम्बर 2019 : ₹ 774.00
दिसम्बर 2019 : ₹ 793.50
जनवरी 2020 : ₹ 816.00
क्षेत्र का सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला पोर्टल gidhaur.com टीम ने जब इस ओर जनता का मिजाज जानना चाहा तो ज्ञात हुआ कि रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से सबसे ज्यादा प्रभावित गृहणियां हुई हैं। महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि एक तो पहले ही प्याज, लहसून और आलू की कीमत चरम पर है और अब रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने उनके बजट पर भी कड़ा प्रहार किया है।
- बढ़ती कीमतों के विरोध में गृहिणी ने व्यक्त की तीखी प्रतिक्रियाएं-
1). गृहिणी मालती कुमारी बताती हैं कि घरेलू बजट बनाकर रसोईयों का संचालन करना पड़ता है। ऐसे में सरकार हर महीने गैस की कीमतों में बढ़ोतरी कर देती है, जिससे कीचन का बजट बिगड़ा स्वाभाविक है।
2). गृहिणी अर्चना झा कहती है कि महंगाई की मार सर्वाधिक मध्यमवर्गीय को झेलना पड़ता है। प्याज की बढ़ती कीमत के बाद रिफिल गैस की बढ़ती कीमत महिलाओं के घरेलू बजट को छिन्न-भिन्न करके रख दिया है।
3 ). गृहिणी वीणा कुमारी चिंताजनक स्वर में बताती है कि उज्ज्वला योजना लाकर सरकार ने मुफ्त गैस कनेक्शन उपलब्ध करा दिया लेकिन इसकी बढ़ती कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण न होना परेशानी का कारण बना है। बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने की जरूरत है।
4 ). कुशल गृहिणी कविता कुमारी कहती हैं कि कभी दाल तो कभी प्याज अब रसोई गैस की कीमत भी परवान चढ़ गई है। महंगी हो रही रसोई उत्पादों को लेकर सरकार को मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है।
- - - - - - - - - - -- - - - - - - - -
-
कुल मिलाकर यदि कहा जाय तो बढ़ती कीमतों ने महिलाओं के घरेलू बजट और जायके को बिगाड़ा, लिहाजा गैस की बढ़ती कीमत और महंगाई के बढ़ते ग्राफ की तुला पर आम आदमी का बजट हल्का पड़ रहा है। इसको लेकर गृहिणी महिलाएं आक्रोशित और उद्वेलित हैं।
-
Tags:
गिद्धौर