ठंड क्या होती है ये कोई उनसे पूछे जो सर्द रातों में खुले आसमां के नीचे किसी तरह अपने बदन को सिकोड़कर रात गुजारने को मजबूर होते हैं। ऐसी स्थिति में यदि ऐसे मजलूम लोगों को कोई भी ऊनी वस्त्र मिल जाए तो उनके मुंह से दुआओं की बारिश होना लाजिमी है। कुछ ऐसी ही पहल कर शनिवार की मध्य रात्रि आपन माटी बिहार की युवा टीम ने सार्वजनिक आशियानों पर जाकर ठिठुरते लोगों के बीच कम्बल वितरण किया।
आपन माटी बिहार के युवा भाई विवेक आचार्य, अविनाश कुमार, हेमंत भारद्वाज, उत्तम सिंह, अखिलेश सिंह, रौशन जी, रवि रंजन, पाहुल हिंदूवादी ने राजधानी पटना में जिन्होंने सर्द रातों में फुटपाथ पर ठिठुरते मेहनतकशों के बदन पर जब कम्बल डाला तो उन्हें सहसा विश्वास नहीं हुआ कि आज के जमाने में ऐसे लोग भी हो सकते हैं।
खुले आसमां के नीचे रात गुजारते गरीबों को यह एहसास दिलाया कि समाज में मानवता ख़त्म नहीं हुई है और आज भी समाज में एक दूसरे के दर्द को महसूस करने वाले लोग मौजूद हैं।