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शनिवार, 7 दिसंबर 2019

देवघर विधानसभा चुनाव : उम्मीदवारों के वायदे और घोषणाओं की पड़ताल..!

[न्यूज डेस्क | gidhaur.com] :
देवघर विधानसभा से चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे उम्मीदवार अपनी घोषणाओं और वायदों से जनता का मूड अपने पक्ष में बनाने के लिए प्रयासरत है। ऐसे में देवघर की जनता को पूरा अधिकार है कि उम्मीदवारों द्वारा की जा रही घोषणा की पड़ताल करे। बहरहाल चुनावी घोषणा और वायदों की पड़ताल करती इस रिपोर्ट में पेश है आजसू प्रत्याशी संतोष पासवान का चुनावी घोषणापत्र और उसकी वास्तविक स्थिति।
देवघर विधानसभा से आजसू पार्टी के उम्मीदवार हैं संतोष पासवान। संतोष पासवान की चुनावी घोषणा: 
पहली घोषणा - पंडा धर्मरक्षिणी सभा को झारखंड विधानसभा से कानूनी मान्यता दिलाया जाएगा।
वास्तविक स्थिति : पंडा धर्मरक्षिणी सभा सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड संस्था है। सभा देवघर के तीर्थपुरोहितों की संस्था है जो लगातार सामाजिक कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में जब सभा पहले से ही कानूनी मान्यता प्राप्त है तो अब इसे किस प्रकार की विशेष मान्यता दिलाई जाएगी, यह समझ से परे है।

दूसरी घोषणा - ननसेलेबुल जमीन पर बसे लोगों को कानून से मालिकाना हक।
वास्तविक स्थिति : संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम यानि एसपीटी एक्ट के तहत रैयती जमीन पर गैर रैयतों को बसाना ही एसपीटी एक्ट की भावनाओं के विपरीत है। एसपीटी एक्ट एक संवैधानिक व्यवस्था है। जिसमें बदलाव के लिए राज्य की विधानसभा, राज्यसभा, लोकसभा से लेकर राष्ट्रपति तक की मंजूरी आवश्यक है। इसलिए इस घोषणा पर ही बड़ा सवाल खड़ा होता है।

तीसरी घोषणा - बाहरी पेड़ा व्यवसायी को बिना लाइसेंस पेड़ा बिक्री पर पाबंदी।
वास्तविक स्थिति : श्रावणी मेला के दौरान बाहर से आने वाले कारोबारियों के लिए हर तरह का लाइसेंस लेना जरुरी है। जिला प्रशासन ऐसे कारोबारियों को ना सिर्फ लाइसेंस देती है बल्कि प्रशासन द्वारा गठित उड़नदस्ता दल इनकी ससमय जांच भी करता है। यानि यह घोषणा ही बेमतलब है।

चौथी घोषणा - सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल की तर्ज पर विकसित करना।
वास्तविक स्थिति : लचर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए देवघर ही नहीं झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत देश के आधे से ज्यादे राज्य प्रभावित है। हालांकि झारखंड सरकार ने देवघर में एम्स की स्थापना कर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का दावा किया है। अब सवाल यह कि एम्स की स्वास्थ्य सेवा शुरु होने के बाद मॉडल अस्पताल की जरुरत है या नहीं? ज्यादा जरुरी ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की है।

पांचवी घोषणा - देवघर शहर को 24 घंटे की जलापुर्त्ति।
वास्तविक स्थिति : देवघर शहर में जलापुर्त्ति के लिए पुनासी जलाशय योजना में कार्य चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले तीन साल के अंदर देवघर शहर को जलापुर्त्ति मिलनी शुरु हो जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले पांच से दस सालों में देवघर शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में पुनासी से जलापुर्त्ति हो सकेगी। यानि इस घोषणा में भी कोई दम नहीं।

बहरहाल चुनावी वायदे और घोषणाओं के आधार पर आजसू उम्मीदवार संतोष पासवान ने निराशाजनक रिपोर्ट पेश की है। आजसू उम्मीदवार के इन चुनावी वायदों के आधार पर उन्हें 10 में से 1 नंबर दिया जा सकता है। हालांकि 16 दिसंबर को होने वाले देवघर विधानसभा के चुनाव में क्षेत्र की जनता ही इस बात का फैसला करेगी कि उन्हें आजसू उम्मीदवार के चुनावी वायदे और घोषणाओं पर कितना भरोसा है?
Input :- चंदन पांडेय

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