नई दिल्ली : संसद भवन परिसर में स्थित हेल्थ सेंटर को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा की शिकायतों के बाद अब जन स्वास्थ्य एवं समग्र मानव विकास फाउंडेशन के अजय कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से सेंटर पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि संसद भवन में मेडिकल सेंटर से गलत एक्सरे रिपोर्ट जारी होने का मामला बेहद गंभीर है। इससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जनता का भरोसा उठ सकता है। ऐसे में सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
अजय कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस दिशा में कई सराहनीय कदम उठाए गए हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं से लोगों का सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर से भरोसा कम होता जा रहा है। सरकार अच्छा काम कर रही है और इसका असर भी हो रहा है। लेकिन सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें और प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को साकार किया जा सके।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने स्वास्थ्य के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए मानसिक स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया है। ऐसे में विभागीय कर्मियों को संवेदनशील बनाने पर ही सरकार के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है पूरा मामला?
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने अगस्त में हेल्थ सेंटर पर तैनात अनुभवहीन स्टाफ को हटाने की मांग की थी। वहीं पूर्व सांसद महाबल मिश्रा को सितंबर में हेल्थ सेंटर ने गलत एक्सरे रिपोर्ट जारी कर दी थी, जिससे उन्हें परेशान होना पड़ा था। मिश्रा ने अपनी शिकायत में कहा था कि एक्सरे में उन्हें जो बीमारियां बताई गई थीं, वो हकीकत में थीं ही नहीं। दूसरे एक्सरे में ऐसा कुछ भी नहीं निकला था।
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