अलीगंज (न्यूज़ डेस्क) :-
प्रखंड के अलीगंज बाजार स्थित युवा शक्ति कार्यालय में मंगलवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 134 वीं जयंती चंद्रशेखर आजाद की अध्यक्षता में मनायी गयी। सर्व प्रथम लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे नमन किया और उनके बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। समारोह को संबोधित करते हुए युवा शक्ति के प्रान्तीय नेता शशिशेखर सिंह मुन्ना ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद सादा जीवन उच्च विचार वाले व्यक्ति थे। वे शुरूआत दौर से पढने में काफी मेधावी थे। वे मात्र 18 वर्ष की उम्र में कोलकाता विश्वविद्यालय से प्रवेश परीक्षा प्रथम स्थान से पास की और वकील बनकर समाजसेवा से जुडे रहे।आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनकर देश की सेवा किया। सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वे देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति दोबारा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। डॉ राजेंद्र प्रसाद ही ऐसा नेता थे जो देश में 12 साल तक राष्ट्रपति पद पर दोबारा बने। समाजसेवी धर्मेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि ब्रिटिश प्रशासन ने 1931 के नमक सत्याग्रह और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल की सैर करनी पड़ी थी।भारत सरकार द्वारा उन्हे सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। कई लोगों ने उनके कार्यो का बखान किया। मौके पर प्रो. आनंद लाल पाठक, लोजपा प्रखंड अध्यक्ष बखोरी पासवान, सिंघेश्वर महतो, रविशंकर प्रसाद,बुलबुल सिंह, शिशुपाल महतो , रवीन्द्र महतो,युगेशवर महतो, सिया देवी, नीलम देवी, अवधेश यादव, दारा सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।
प्रखंड के अलीगंज बाजार स्थित युवा शक्ति कार्यालय में मंगलवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 134 वीं जयंती चंद्रशेखर आजाद की अध्यक्षता में मनायी गयी। सर्व प्रथम लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे नमन किया और उनके बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। समारोह को संबोधित करते हुए युवा शक्ति के प्रान्तीय नेता शशिशेखर सिंह मुन्ना ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद सादा जीवन उच्च विचार वाले व्यक्ति थे। वे शुरूआत दौर से पढने में काफी मेधावी थे। वे मात्र 18 वर्ष की उम्र में कोलकाता विश्वविद्यालय से प्रवेश परीक्षा प्रथम स्थान से पास की और वकील बनकर समाजसेवा से जुडे रहे।आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनकर देश की सेवा किया। सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वे देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति दोबारा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। डॉ राजेंद्र प्रसाद ही ऐसा नेता थे जो देश में 12 साल तक राष्ट्रपति पद पर दोबारा बने। समाजसेवी धर्मेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि ब्रिटिश प्रशासन ने 1931 के नमक सत्याग्रह और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल की सैर करनी पड़ी थी।भारत सरकार द्वारा उन्हे सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। कई लोगों ने उनके कार्यो का बखान किया। मौके पर प्रो. आनंद लाल पाठक, लोजपा प्रखंड अध्यक्ष बखोरी पासवान, सिंघेश्वर महतो, रविशंकर प्रसाद,बुलबुल सिंह, शिशुपाल महतो , रवीन्द्र महतो,युगेशवर महतो, सिया देवी, नीलम देवी, अवधेश यादव, दारा सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।
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