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बरहट : बढ़ती सर्दी से जनजीवन अस्त-व्यस्त, पशु को है विशेष देखभाल की जरूरत

बरहट/जमुई (न्यूज़ डेस्क) :-

बीते सप्ताह से जारी सर्दी का सितम लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पिछले सप्ताह हुई बूंदाबांदी के बाद ठंड का प्रकोप बढ़ा है। सर्दी से जनमानस ही नहीं अपितु सारे कार्य बुरी तरह प्रभावित हैं। कभी कोहरा तो कभी शीतलहर का दौर जारी है। आम लोगों के साथ साथ सर्दी का असर बेजुबान जानवरों पर भी देखा जा रहा है।

 इंसान तो किसी तरह गर्म कपड़े अलाव आदि के सहारे अपने को ठंड से बचा पा रहे हैं पर सबसे बुरा हाल तो बेजुबान जानवरों का है। अधिकतर किसानों के जानवर छप्पर या पेड़ की छाया के तले ही बंधे रहते है। दिन के समय धूप से उसे थोड़ी राहत मिलती है पर रात में पशुओं के साथ किसान भी परेशान हो रहे हैं। यूं तो ठंड का मौसम पशुओं के लिए हेल्दी सीजन माना जाता है पर इस मौसम में पशुओं की देखभाल बहुत सावधानी और उचित तरीके से करनी चाहिए । ठंड के कारण मौसम में होने वाले परिवर्तन से पशुओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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पशुओं को नहीं दें ठंडा चारा व दाना

प्रभारी पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ललिता ने बताया कि ठंड के मौसम में पशु पालन करते समय पशुओं के आवास प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।


 पशुशाला के दरवाजे व खिड़कियां पर बोरे लगाकर सुरक्षित करें। जहां पशु विश्राम करते हैं वहां पुआल, भूसा,पेड़ों की पत्तियां बिछाया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में पशुओं की कभी ठंडा चारा व दाना नहीं देना चाहिए,क्योंकि इससे पशुओं को ठंड लग जाती है।अधिक मात्रा में सरसों की खल्ली व हरा चारा खिलाएं। सर्दी में वातावरण में नमी के कारण पशुओं को सर्दी,खासी,पतला पैखाना,खुरपका, मुंहपका,गलाघोटू जैसी बीमारियों हो सकती है इससे बचाव को टीकाकरण करवाएं।