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शनिवार, 7 दिसंबर 2019

एबीवीपी जमुई की अनोखी पहल, "मिशन साहसी" कार्यक्रम द्वारा छात्राओं को सिखाये जा रहे आत्मरक्षा के गुर

जमुई [शुभम मिश्र] :
बलात्कार जैसी जघन्य घटनाओं पर होनेवाली चर्चा अक्सर कुछ बिन्दुओं के इर्द-गिर्द घूमती हैं। कोई अपराधियों को चौराहे पर फांसी देने, पीटकर मार देने या जिंदा जला देने की मांग करता है, तो कोई महिलाओं पर कमोबेश पाबंदी की सलाह देता है। कुछ लोग लड़कियों पर नशे, कपड़ों का पहनावा, लड़को से दोस्ती करना आदि पर भी दोष मढ़ते हैं। लेकिन इससे परे कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इन सब से हट कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाते हुए महिलाओं, युवतियों एवं छोटी बच्चियों को निडरतापूर्वक इन समस्याओं से सामना करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं।
जी हाँ! हम बात कर रहे हैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जमुई द्वारा विभाग संयोजक शैलेश भारद्वाज की अगुवाई में चलाये जा रहे "मिशन साहसी" कार्यक्रम की, जिसके द्वारा महिलाओं, युवतियों एवं बच्चियों को आत्मसुरक्षा करने का तरीका बताकर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस बाबत पत्रकार वार्ता हेतु प्रवासी कार्यकर्ता रूप में आयी भावना वर्मा ने बताया कि देखा जाय तो अक्सर लड़कियों के साथ छेड़छाड़ जैसी वारदात ज्यादातर सुनसान इलाकों, बसों, मेलों आदि में होते हैं। जिसे देखते हुए इस कार्यक्रम में हमलोग कुशल प्रशिक्षक द्वारा छात्राओं को मार्शल आर्ट, जुड़ो-कराटे के साथ-साथ उनके दैनिक दिनचर्या में शामिल होने वाली वस्तुएं जैसे सेफ्टी पिन, हेयर पिन, कलम, दुपट्टा, चप्पल आदि द्वारा आत्मरक्षा करने के तरीकों से अवगत करा रहे हैं। साथ ही उनमें आत्मरक्षा एवं आत्मविश्वास की भावना जागृत की जा रही है, जिससे वे दूसरों पर निर्भर न हो और आत्मरक्षा कर सकें।
उन्होंने बताया कि हमलोगों का उद्देश्य महिलाओं को निडर बनाना,समाज में उत्पीड़न एवं घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाना है। वहीं शैलेश भारद्वाज ने बताया कि समाज में महिलाओं के प्रति नकारात्मक और आपराधिक सोच में बदलाव एक सामाजिक प्रक्रिया बने, महिलाओं की आवाजाही पर अंकुश लगाकर या उनके भीतर अपराध भावना भर देने से समाधान नहीं हो सकता है और न ही भीड़ तंत्र के न्याय से।बदले की हिंसा के लिये उकसाना असल में जवाबदेही से भागने की कोशिश है। जरूरी यह है कि लोगों की मानसिकता बदले और जांच व न्याय की धीमी प्रक्रिया जैसी खामियों को तुरंत ठीक किया जाय। जिसको लेकर के अभाविप जमुई द्वारा यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिससे काफ़ी लाभ होने की उम्मीद है।
वहीं एबीवीपी के सोशल मीडिया प्रभारी पप्पू यादव ने "मिशन साहसी" को लेकर कहा कि स्वामी विवेकानंद का कथन है कि विश्व के कल्याण हेतु महिलाओं की दशा एवं दिशा दोनों सुधारने की दरकार है। जिसका हमलोग अनुपालन कर रहे हैं।
वहीं बता दें कि इस कार्यक्रम की शुरूआत शनिवार से ही जिले के आवासीय राम-कृष्ण उच्च विद्यालय जमुई, सैनिक पब्लिक स्कूल जमुई, ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल जमुई, मणिद्वीप एकेडमी जमुई, अब्दुल कलाम हाई स्कूल जमुई में देखने को मिली है। यह कार्यक्रम एक सप्ताह तक चलेगा।
इस कार्यक्रम को लेकर संबंधित विद्यालयों के प्राचार्यों ने एबीवीपी जमुई द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम की सराहना की है एवं लोगों को भी सहयोग करने की अपील की है। इस कार्यक्रम में अभाविप के दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ-साथ उक्त विद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक एवं विद्यार्थी भी मौजूद रहे।

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