28 NOV 2019
नई दिल्ली : केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को फिर दोहराया कि दिल्ली में नल द्वारा मुहैया करवाए जा रहे पीने के पानी की दोबारा जांच दिल्ली सरकार और भारतीय मानक ब्यूरो (बीएसआई) की संयुक्त टीम द्वारा करवाई जाए।
नई दिल्ली : केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को फिर दोहराया कि दिल्ली में नल द्वारा मुहैया करवाए जा रहे पीने के पानी की दोबारा जांच दिल्ली सरकार और भारतीय मानक ब्यूरो (बीएसआई) की संयुक्त टीम द्वारा करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि पानी का मसला आम लोगों से जुड़ा हुआ है लिहाजा इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली में पानी की दोबारा जांच के लिए बीएसआई और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाने के लिए कहा।
पासवान ने अपने पत्र में केजरीवाल से कहा है कि उन्हें समाचारपत्रों के माध्यम से जानकारी मिली है कि दिल्ली में पीने के पानी की दोबारा जांच के लिए 272 वार्डो में प्रत्येक से 5-5 नमूने लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इन नमूनों की जांच अगर सिर्फ दिल्ली सरकार द्वारा गठित टीम करेगी तो उसकी रिपोर्ट बीआईएस मानने को बाध्य नहीं होगा। इसलिए पीने के पानी की दोबारा जांच संयुक्त टीम से करवाई जाए जिसमें बीआईएस के अधिकारी शामिल हों।
उन्होंने कहा, मेरा अनुरोध है कि बीआईएस और दिल्ली जल बोर्ड मिलकर एक समयबद्ध कार्यक्रम बना लें और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से पानी के नमूने लेकर एनबीएल द्वारा प्रमाणित लैब में इसकी जांच करा लें। जहां तक दिल्ली जल बोर्ड की लैब का सवाल है तो वह अंराष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त लैब नहीं है।
गौरतलब है कि उपभोक्ता मंत्रालय के निर्देश पर बीएसआई द्वारा देश के 21 राज्यों की राजधानियों में नल द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले पानी के नमूने एकत्र कर उनकी जांच करवाई गई थी, जिसमें दिल्ली के सभी नमूने बीएसआई के मानकों पर विफल पाए गए थे। पानी के नमूने की जांच के आधार पर बीएसआई द्वारा इन शहरों की रैंकिंग की गई है जिसमें मुंबई शीर्ष स्थान पर जबकि दिल्ली सबसे नीचे है। मुंबई से लिए गए पानी के सभी 10 नमूने गुणवत्ता मानकों पर खरे पाए गए थे।
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