.
कार्तिक मास को भगवान विष्णु का महीना माना जाता है. वैसे तो पूरा महीना ही अत्यंत शुभकारी होता है पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का अपना अलग ही महत्व होता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने और साधुओं को दान- पुण्य करने से पापों का अंत होता है। इस दिन लोग अपने - अपने राज्य में स्थित गंगा सहित अन्य नदियों में बड़े ही श्रद्धा और आस्था के साथ की डुबकी लगते है।
उत्तर -प्रदेश और बिहार में कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदियों में काफी भीड़ होती है जिसके लिए प्रशासन की तरफ से तैयारी की जा रही है. सुरक्षा के सारे इंतजाम किए गए हैं. खतरनाक गंगा घाटों को चिन्हित कर वहां स्नान करने पर रोक लगा दी गई है।
आपको बताये कि इस बार कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर महालक्ष्मी ,केदार और वेशि योग का संयोग बन रहा है. ऐसी मान्यता है कि इस संयोग में कुश लेकर गंगास्नान या स्नान करने से सात जन्म के पापों का नाश हो जाता है, कर्ज से मुक्ति मिलने के साथ ही साथ वैवाहिक संबंधों में आनेवाली परेशानियां भी दूर होती हैं। कार्तिक पूर्णिमा सोमवार शाम 6.05 बजे से मंगलवार शाम 7.14 बजे तक रहेगा।
पुराने कथाओं के अनुसार इस दिन स्नान करने के बाद आंवला पेड़ के नीचे भोजन बना कर खाने से धन - धान्य की प्राप्ति होती है।