#पड़ताल
【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】 :-
जिनके कंधे पर पूरे कार्यालय की जिम्मेदारी थी, वो 10:34 बजे सुबह तक अपने दफ्तर नहीं पहुंचे थे। जी हां ! यही आलम है गिद्धौर प्रखंड कृषि कार्यालय का।
गिद्धौर-झाझा मुख्यमार्ग स्थित किसान भवन के कृषि कार्यालय में जब रिपोर्टरों एक की टीम मंगलवार को पहुंची उस समय दिन के 10:34 बज रहे थे। और कृषि कार्यालय में प्रहरी रामधनी पासवान ही मौजूद थे। जो पूछने पर कहते हैं कि बीएओ साहब तीन प्रखंड के प्रभार में हैं 11 बजे के बाद ही उनका दर्शन सम्भव हो सकेगा। फिलहाल उनके आने की कोई जानकारी भी नहीं है।
जब संवाददाताओं की टीम कार्यालय के भीतर पहुंची तो साहब को कुर्सी खाली थी। कृषि कार्यालय में सन्नाटा पसरा था। अन्य सभी कक्ष में ताले लटक रहे थे। इसके अलावे प्रखंड तकनीकी प्रबंधक गिद्धौर के कार्यालय में भी प्रबंधक महोदय नदारद दिखे।
साहब की अनुपस्थिति को लेकर कार्यालय के बाहर खड़े कुछ संख्या में किसान परेशान नजर आए। किसानों ने नाम गुप्त रखते हुए बताया कि अक्सर ही साहब के लेट लितीफी का सिलसिला चलता रहता है। मंगलवार की सुबह 11:07 तक साहब नदारद दिखे।
विदित हो, एक ओर जहां सरकार डिजिटल के जमाने मे सरकारी कर्मचारियों को नियमित रखने को लेकर डिजिटल बायोमेट्रिक उपस्थिति का उपयोग कर रहे हैं वहीं प्रखंड कृषि कार्यालय के कर्मी व पदाधिकारियों की लेट लितीफी किसानों के लिए सरदर्द बना है।
अब, जब हमने प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनुज कुमार शर्मा से फोन पर उनके अनुपस्थिति का कारण पूछा तब उन्होंने बताया कि कार्यालय खुलने का समय ही साढ़े 10 बजे है।
हालांकि, समय का हवाला देकर उन्होंने सवालों से तो पल्ला झाड़ लिया पर कार्यालय अवधि में साहब की खाली कुर्सी चीख-चीख कर उनके अनुपस्थिति और मनमर्जी की गवाही दे रहे थे।
अब, जब हमने प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनुज कुमार शर्मा से फोन पर उनके अनुपस्थिति का कारण पूछा तब उन्होंने बताया कि कार्यालय खुलने का समय ही साढ़े 10 बजे है।
हालांकि, समय का हवाला देकर उन्होंने सवालों से तो पल्ला झाड़ लिया पर कार्यालय अवधि में साहब की खाली कुर्सी चीख-चीख कर उनके अनुपस्थिति और मनमर्जी की गवाही दे रहे थे।