सिमुलतला (गणेश कुमार सिंह) :-
सिमुलतला क्षेत्र के विभिन्न स्थलों पर कर्म सृजन एवं शिल्प के देव भगवन विश्वकर्मा की पूजा सिमुलतला कानोदी एवं टेलवा बाजार में बड़े ही धूमधाम से की गयी।
मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा सृजन की ऊर्जा देता है, साथ ही कामकाज में आने वाली अड़चनों को दूर करता है। मंगलवार की प्रातःकाल से ही लोग अपनी वाहनों, मशीनों गैरेज एवं अन्य लौह अयस्क की सामग्री की साफ सफाई कर विधिवत पूजा की गई, वहीं लौह सामग्री बेचने वाली हार्डवेयर की दुकान पर सिमुलतला, टेलवा, लोहिया चौक एवं कनौदी बाजार की प्रतिष्ठानों में भी बड़े ही हर्षोल्लाश के साथ विश्वकर्मा की पूजा की गयी। पूरे क्षेत्र में बज रही भगवान विश्वकर्मा की भक्ति गीतों ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय वातावरण में परिवर्तित कर दिया। पंडित परामानंद पाण्डेय ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा ने सतयुग में स्वर्ग लोक, त्रेता युग में लंका, द्वापर में द्वारिका और कलयुग में हस्तिनापुर की रचना की। यहां तक कि सुदामापुरी का निर्माण भी उन्होंने ही किया। ऐसे में यह पूजा उन लोगों के ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो कलाकार, बुनकर, शिल्पकार और व्यापारी हैं। माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के सातवें धर्मपुत्र के रूप में इसी दिन जन्म लिए थे।