जमुई [सुशान्त साईं सुन्दरम] :
हिंदी दिवस के अवसर पर शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जमुई के द्वारा के. के. एम. कॉलेज में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता मुंगेर यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य शैलेश भारद्वाज ने की।
हिंदी दिवस के अवसर पर शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जमुई के द्वारा के. के. एम. कॉलेज में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता मुंगेर यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य शैलेश भारद्वाज ने की।
समारोह के मुख्य अतिथि के. के. एम. कॉलेज के प्राचार्य जगरूप प्रासाद थे। उन्होंने कहा कि हिंदी हम लोगों को बोलचाल में अधिक से अधिक अपनाना चाहिए। हिंदी के विकास से ही भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का विकास होगा। जिसके माध्यम से भारत एक बार पुनः विश्वगुरु कहलायेगा। इसलिए हिंदी को यथाशीघ्र सरकार को राष्ट्रभाषा घोषित करनी चाहिए। जिससे हिंदी विश्व की राष्ट्रभाषा घोषित हो सके। जिससे भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता पूरे विश्व में प्रचारित एवं प्रसारित होगी।
प्रोफेसर गौरीशंकर पासवान ने कहा कि आज इस अवसर पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हिंदी को जब तक राष्ट्रभाषा घोषित नही कर दे तब तक संघर्ष करना चाहिए। आज के समय मे जनजागृती के माध्यम से हिंदी के पक्ष में पूरे देश में एक आंदोलन चलाने की आवश्यकता है।
साहित्यकार समाज सेवी नूतन सिंह ने कहा की हिंदी बोलने में आज के समय मे बच्चों को शर्म महसूस करते हैं। अपने ही देश मे हिंदी बोलना नही चाहते हैं। जबकि आज के समय मे अपने देश के प्रधानमंत्री अगर किसी दूसरे देश मे जाते है तो वो गर्व के साथ हिंदी में ही बात करते है। हमे अपने मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए।
सेमिनार में चंद्रमा सिंह, लड्ड़ू मिश्रा, कुंदन कुमार, राहुल कुमार, आजाद राय, पप्पू यादव, युवराज कुमार, प्रवीण कुमार, अंकित राज, सनी कुमार ,राज बब्बर सिंह, सत्यम कुमार, गुलाब राजा, करण साहू, शुभम चौहान, ठाकुर डुगडुग सिंह, गौतम कुमार के अलावा दर्जनों लोग उपस्थित थे।