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जमुई : आदिवासी महिलाओं द्वारा निर्मित राखियों से सजेगी जवानों की कलाइयां


[न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा] :-

जमुई जिले के सोनो प्रखंड अंतर्गत चरकापत्थर से कुछ दूरी पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र टपकी गांव स्थित मरियम पहाड़ी के आदिवासी गरीब महिलाएं राखी बनाकर सैनिक भाईयों को रक्षाबंधन के लिए बॉर्डर पर भेज रही है। अपने हाथों से राखी बनाकर कश्मीर में बीएसएफ रैपिड एक्शन फोर्स सीआरपीएफ फौजी भाइयों को अपने हाथ से राखी बनाकर बॉर्डर पर भेजने वाली इन महिलाओं में इस पुनीत कार्य को लेकर काफ़ी उत्साह देखा जा रहा है।


इधर, इन आदिवासी बहनों के इस पहल की नींव पर अपना निःस्वार्थ योगदान दे रहे परवाज़ हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. एम एस परवाज़ ने इनके प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि बीएसएफ के सीओ, सीआरपीएफ के सीओ एवं कोबरा के कमांडेंट ऑफिसर की मदद से इन आदिवासी बहनों के हस्तकला से निर्मित इन स्वदेशी राखियों को बॉर्डर पर भेजने का काम किया जाएगा।


सैनिक भाईयों के दीर्घायु होने की कामना करते हुए कुछ महिलाएं है कि रक्षाबंधन पर्व पर हमारे जवान भाई हमारी सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात रहते हैं, हमारी सुरक्षा की खातिर वे त्योहार मनाने अपने घर भी नहीं जाते, एेसे में देश की बहनों का यह कर्तव्य बनता है कि वे जवान भाईयों को खुशी के कुछ पल दे। जिससे उन्हें पारिवारिक एहसास हो सकेगा।


महिलाओं ने बताया कि पिछले दो दिनों में तकरीबन 150 से भी अधिक राखियां तैयार की जा चुकी हैं। ग्रामीण हस्तकला से निर्मित इन सभी राखियों से सैनिक भाइयों की सूनी कलाइयों पर स्वदेशी प्यार का बंधन होना एक गर्व की बात है।