पटना (अनूप नारायण) :
सिवान संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दरौंदा विधानसभा उप चुनाव में जदयू के संभावित प्रत्याशी प्रोफ़ेसर बीके सिंह ने आज दरौंदा विधानसभा क्षेत्र स्थित अपने निवास पर सामूहिक भोज का आयोजन किया जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के हजारों लोगों ने भाग लिया इस अवसर पर उन्होंने बताया कि क्षेत्र की जनता की मांग पर वह इस बार चुनावी समर में उतरने जा रहे हैं जनतंत्र में जनता ही मालिक है और जनतंत्र में जनता को दरकिनार करके आप आगे नहीं बढ़ सकते. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है उनकी लड़ाई क्षेत्र के विकास में अवरोधक बने तत्वों से है।
सिवान संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दरौंदा विधानसभा उप चुनाव में जदयू के संभावित प्रत्याशी प्रोफ़ेसर बीके सिंह ने आज दरौंदा विधानसभा क्षेत्र स्थित अपने निवास पर सामूहिक भोज का आयोजन किया जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के हजारों लोगों ने भाग लिया इस अवसर पर उन्होंने बताया कि क्षेत्र की जनता की मांग पर वह इस बार चुनावी समर में उतरने जा रहे हैं जनतंत्र में जनता ही मालिक है और जनतंत्र में जनता को दरकिनार करके आप आगे नहीं बढ़ सकते. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है उनकी लड़ाई क्षेत्र के विकास में अवरोधक बने तत्वों से है।
सड़क बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को अल्प समय में पूरा करना उनकी पहली प्राथमिकता है आम जनमानस के विश्वास पर खरा उतरने के लिए वे सदैव तत्पर है. उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार जनता का जनमत उनके साथ रहेगा. नीतीश कुमार के कार्यों से वे बेहद प्रभावित हैं उनकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है बिहार को विकास के मार्ग पर ले जाने के लिए नीतीश कुमार का नेतृत्व उन्हें मंजूर है.सामाजिक न्याय और न्याय के साथ विकास का उनका नारा बिहार को प्रगति के पथ पर ले जा रहा है. बेदाग छवि क्षेत्र में आम जनमानस तक उनकी पहुंच उन्हें भीड़ से अलग बनाती है. उनके निवास पर जूते समर्थकों ने एक स्वर से इस बार उन्हें विधानसभा भेजने का प्रण लिया.इस बार दरौंदा विधानसभा उपचुनाव की कहानी में बंदूक नही बल्कि किताब है।जो बिहार का इतिहास भी है और असल पहचान भी।
इस बार के एनडीए के प्रत्याशी प्रोफ़ेसर बीके सिंह बिहार के उस जज़्बे से आपको रुबरु करायेगे जिसमें प्यार है,हौसला है और आनंद है।प्रो बीके सिंह की पहचान एक सरल बिहारी टीचर के रूप में हैं जो भारत के असल रूप से आपको रुबरु कराती है।हमारे भारत मे ज्यादातर न बिहारी को उतना सम्मान मिला है न किसी भी टीचर को(प्रैक्टिकल रूप में,किताबों में बहुत मिला है)जबकि दोनों के बिना आपका होना अधूरा है|
प्रो बी के सिंह उस जीत का नाम है जिसमें एक संदेश है की शिक्षा आपको कहाँ से कहाँ पहुंचा देती है. प्रो बी के सिंह
एक यात्रा का नाम है जिसके पढ़ाये बच्चे तंग गलियों और टूटी घरों की दीवारों से निकलकर किसी बड़ी कंपनी के बड़े से Ac ऑफिस में प्रेजेंटेशन दे रहे होते हैं।प्रो बी के सिंह एक ज़िद है जिसने कभी हार न मानने की कसम खा रखी है .प्रो बी के सिंह उत्सव है जो बिहार के कण कण में बसा है ।जहां हम सिर्फ अपने लिए नही बल्कि सबके लिए सपने देखते हैं।प्रो बी के सिंह
एक सेतु है जिसको पार करके आप सरलता से,सहजता से,बिहारीपन से,ज़िद से,मेहनत से मिल लेते है।
एक यात्रा का नाम है जिसके पढ़ाये बच्चे तंग गलियों और टूटी घरों की दीवारों से निकलकर किसी बड़ी कंपनी के बड़े से Ac ऑफिस में प्रेजेंटेशन दे रहे होते हैं।प्रो बी के सिंह एक ज़िद है जिसने कभी हार न मानने की कसम खा रखी है .प्रो बी के सिंह उत्सव है जो बिहार के कण कण में बसा है ।जहां हम सिर्फ अपने लिए नही बल्कि सबके लिए सपने देखते हैं।प्रो बी के सिंह
एक सेतु है जिसको पार करके आप सरलता से,सहजता से,बिहारीपन से,ज़िद से,मेहनत से मिल लेते है।
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