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मंगलवार, 20 अगस्त 2019

सुप्रीम कोर्ट का फैसला 21 को, न्याय के आस में हैं 4 लाख नियोजित शिक्षक


[gidhaur.com | न्यूज़ डेस्क] :-
शीर्ष अदालत के द्वारा 10 मई 2019 को पारित किए गए आदेश के बाद बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों के मामले में बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ व अन्य 13 याचिकाकर्ता के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी। यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे और उदय उमेश ललित के द्वारा चेम्बर में 1:45 बजे किया जाना है ।


इस संदर्भ में प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह ने कहा कि 10 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों के मामले में पारित आदेश से संबिधान के अनुच्छेद- 254 का उल्लंघन हुआ है । इसलिए ही पुनर्विचार याचिका दायर की गई है । प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची में है फिर भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई के दौरान गुमराह करने का काम किया था ।
अधिवक्ता अजय कुमार सिंह के जरिए दायर पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति , कैब रिपोर्ट और पूर्व में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पारित आदेश के आलोक में बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतन दिया जाना चाहिए ।
बहरहाल, बिहार के चार लाख शिक्षकों की निगाहें न्याय के आश में एक बार फिर देश के शीर्ष अदालत पर टिक गई है ।

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