Breaking News

6/recent/ticker-posts

पटना : फुटपाथ से व्यवसाय की शुरुआत कर सितेश रमन ने संघर्षों के बल पर पाई सफलता


पटना | अनूप नारायण :
17 वर्ष की अल्पायु में पिता के अनुदान को त्याग फुटपाथ से अपने व्यवसाय की शुरुआत करने वाले पटना की सितेश रमन की कहानी बाधा पर विजय के समान है बिहार की अग्रणी बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी रमन कुमार कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के प्रमुख सितेश रमण ने अपने संघर्षों के बल पर सफलता की अनूठी मिसाल कायम की है. 17 वर्ष की आयु से खुद के पैरों पर खड़े सितेश कहते हैं कि कठिन परिश्रम के बल पर आलस्य व लोग क्या कहेंगे की भावना छोड़कर इंसान अगर सही दिशा में प्रयास करें तो उसे सफलता जरूर मिलेगी. ज़िद जुनून और जोश के बल पर सफलता दर सफलता अपना मुकाम रचने वाले सितेश के पिता सत्यनारायण प्रसाद ज्वाइंट रजिस्टार थे.इन की शिक्षा दीक्षा पटना के हैं स्कूल कॉलेजों से हुई उन्होंने स्नातक की डिग्री पटना के प्रतिष्ठित एन कॉलेज से ली एक पुत्र और एक पुत्री के पिता सितेश की पत्नी माला सिंहा पटना के वार्ड 44 से पार्षद है. वर्ष 2002 में अपनी कंपनी की स्थापना करने के बाद यह बिहार के बिल्डरों के बीच तेजी से बड़ा नाम बन कर उभरे इनके प्रोजेक्ट समय पर पूरे होते हैं जिन्होंने ग्राहकों से किए वादों को पूरा करने का प्रयास किया साथ ही साथ अपनी निष्ठा और सामाजिक दायित्वों से कभी मुंह नहीं मोड़ा जिस दौर में बिहार में क्रिकेट मृत्यप्राय हो चुकी थी तथा बिहार के क्रिकेटर मान्यता के लिए संघर्षरत थे उस दौर में इन्होंने बिहार में आयोजित होने वाली कोई बड़ी प्रतियोगिताओं में अपना सार्थक योगदान ही नहीं दिया बल्कि कई उभरते खिलाड़ियों को अपनी कंपनी के तरफ से मदद पहुंचाई .

वार्ड 44 में उन्होंने बिना किसी सरकारी फंड के अपने पैसे से कई सड़कों का निर्माण कराया लोगों की सुविधाओं के लिए नाली निर्माण कराया बाद में उनकी पत्नी माला सिन्हा वार्ड 44 की वार्ड पार्षद बनी. उस वार्ड इन्होंने आदर्श वार्ड के रूप में स्थापित किया है.कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे सितेश कहते है कि वे अपना काम  ईमानदारी के साथ करते हैं उनके लिए नामुमकिन शब्द नहीं. 

चुनाव लड़ने के सवाल पर कहते हैं कि सामाजिक दायित्व के तहत  वे लोगों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं उमरार विधानसभा क्षेत्र के लोगों को लगता है कि उनके जनप्रतिनिधि के रूप में वे बेहतर कार्य करेंगे इस कारण से उन्होंने चुनाव लड़ने का मूड बनाया है किस दल से लड़ेंगे यह  निश्चित नहीं है किंतु लड़ेंगे यह निश्चित है. सावन के पवित्र माह में प्रतिवर्ष इनके द्वारा देवघर  कांवड़ मार्ग में विशाल कावरिया शिविर का आयोजन किया जाता है धार्मिक यात्राओं के लिए यह लोगों को आर्थिक मदद करते है. गरीब असहाय विकलांग लोगों की मदद के लिए सदा तत्पर रहते हैं एक सवाल के जवाब में सितेश रमन ने बताया कि एक अच्छे परिवार से आने के बावजूद 17 वर्ष की आयु से ही इन्होंने संघर्ष प्रारंभ कर दिया था पटना की फुटपाथ से अपने करियर की शुरुआत की कामयाबी मिलने के बाद भी आज भी सर्व सुलभ है. घमंड से कोसों दूर लोगों के दुख-दर्द को आसानी से समझते हैं यही उनकी सफलता का राज है.