सेंट्रल डेस्क [सुशान्त सिन्हा] :
मंगलवार को मुंगेर विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य शैलेश भारद्वाज एवं बिक्की आंनद ने मुंगेर विश्वविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न महाविद्यालयों की विभिन्न समस्याओं से कुलपति महोदय को अवगत करवाया।
सीनेट सदस्य शैलेश भारद्वाज ने कहा कि जमुई जिला में कॉलेजों के नाम पर दर्जनों एकड़ भू-भाग को दबंगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है, उसे जल्द से जल्द विश्वविद्यालय अपने अंदर अधिग्रहण में लें। इससे यूनिवर्सिटी या कॉलेज प्रशासन को आने वाले समय में शैक्षणिक भवन बनाने में सुविधा होगी।
जमुई में पीजी की पढ़ाई नहीं होने से होती है समस्या
शैलेश ने कहा कि जमुई जिला नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है। यहाँ के महाविद्यालयों में बी. कॉम और स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई नहीं होती है। इस वजह से यहाँ के मेधावी छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि जमुई जिला के सभी महाविद्यालयों का भवन काफी जर्जर हालत में है। यदि इसपर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो वर्षों से जर्जर महाविद्यालयों का भवन कभी भी कभी गिर सकता है और बड़ी अनहोनी की घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
शैलेश ने कहा कि जमुई जिला नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है। यहाँ के महाविद्यालयों में बी. कॉम और स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई नहीं होती है। इस वजह से यहाँ के मेधावी छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि जमुई जिला के सभी महाविद्यालयों का भवन काफी जर्जर हालत में है। यदि इसपर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो वर्षों से जर्जर महाविद्यालयों का भवन कभी भी कभी गिर सकता है और बड़ी अनहोनी की घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
जमुई में महिला कॉलेज का भी मुद्दा उठाया गया कुलपति के सामने
शैलेश भारद्वाज ने कुलपति को इस समस्या के बारे में भी बताया कि जमुई जिले में एक भी सरकारी महिला कॉलेज नहीं है। इस कारणवश छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पूर्व से जो महिला कॉलेज है उसे सरकारी कॉलेज का दर्जा दिया जाए अथवा नए महिला कॉलेज का निर्माण शीघ्र करवाया जाए। साथ ही जमुई स्थित के. के. एम. कॉलेज का अर्धनिर्मित महिला छात्रावास को भी जल्द से जल्द पूरा करवाए जाने पर ध्यान दिया जाए।
शैलेश भारद्वाज ने कुलपति को इस समस्या के बारे में भी बताया कि जमुई जिले में एक भी सरकारी महिला कॉलेज नहीं है। इस कारणवश छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पूर्व से जो महिला कॉलेज है उसे सरकारी कॉलेज का दर्जा दिया जाए अथवा नए महिला कॉलेज का निर्माण शीघ्र करवाया जाए। साथ ही जमुई स्थित के. के. एम. कॉलेज का अर्धनिर्मित महिला छात्रावास को भी जल्द से जल्द पूरा करवाए जाने पर ध्यान दिया जाए।
प्रोफेसर की कमी से नहीं है कॉलेजों में शैक्षणिक माहौल
वहीं सीनेट सदस्य बिक्की आनंद ने सभी कॉलेजों में प्रोफेसरों की कमी को दूर करने की मांग करते हुए कहा कि प्रोफेसरों की कमी की वजह से छात्र एवं शिक्षकों का संवाद नहीं हो पाता है और ना ही कॉलेज कैंपस में शैक्षणिक वातावरण बन पाता है।
वहीं सीनेट सदस्य बिक्की आनंद ने सभी कॉलेजों में प्रोफेसरों की कमी को दूर करने की मांग करते हुए कहा कि प्रोफेसरों की कमी की वजह से छात्र एवं शिक्षकों का संवाद नहीं हो पाता है और ना ही कॉलेज कैंपस में शैक्षणिक वातावरण बन पाता है।
महाविद्यालयों के जमीन पर अतिक्रमण करने वालों पर होगा केस
सभी समस्याओं को ध्यान में लेते हुए कुलपति महोदय ने कहा कि महाविद्यालयों के जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले लोगों को पहले भी जमीन खाली करने बोला गया था। अब अगर वे उक्त जमीन को खाली नहीं करते हैं तो उन पर केस दर्ज किया जायेगा। जमुई जिला में महिला कॉलेज और महिला छात्रवास की उपलब्धता एवं निर्माण के लिए बिहार सरकार को रिपोर्ट भेजा गया है। जल्द ही जमुई में बी. कॉम एवं स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई शुरू करवाई जाएगी।
सभी समस्याओं को ध्यान में लेते हुए कुलपति महोदय ने कहा कि महाविद्यालयों के जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले लोगों को पहले भी जमीन खाली करने बोला गया था। अब अगर वे उक्त जमीन को खाली नहीं करते हैं तो उन पर केस दर्ज किया जायेगा। जमुई जिला में महिला कॉलेज और महिला छात्रवास की उपलब्धता एवं निर्माण के लिए बिहार सरकार को रिपोर्ट भेजा गया है। जल्द ही जमुई में बी. कॉम एवं स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई शुरू करवाई जाएगी।