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बाबा कोकिलचंद धाम : न मिला पर्यटन स्थल का दर्जा न बन सका शराब मुक्त गांव

न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】 :-

जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंडांतर्गत नागी और उलाई नदी के बीच अवस्थित 'गंगरा पंचायत' की पहचान बाबा कोकिलचन्द से जुड़ी है।
            बाबा के ऐतिहासिक मंदिर में धर्म और अध्यात्म के कई धार्मिक अध्याय लिखे गए हैं। वर्षों के संघर्षोपरान्त बाबा कोकिलचंद धाम के दिन फिरने वाले थे, पर इसे दुर्भाग्य कहें या अधिकारियों की लापरवाही आज तक बाबा कोकिल चंद धाम को जिलास्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिल सका है।

जानकारी से अवगत करते चले कि बाबा कोकिलचंद विचार मंच के संयोजक चुनचुन कुमार ने पत्र लिखकर जमुई सांसद चिराग पासवान से बाबा कोकिलचंद धाम गंगरा को शराब मुक्त ग्राम का दर्जा और जिलास्तरीय धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने की मांग की थी। इस संदर्भ में बिहार सरकार के श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा से भी गुहार लगाई जा चूकी है। बावजूद इसके इस संदर्भ में कुछ भी प्रतिउत्तर नहीं मिला है।
यहां बता दें कि गंगरा को शराबमुक्त गांव का दर्जा दिलाने एवं इस धाम को जिलास्तरीय धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित कराने हेतु अग्रेतर कार्यवाई करने की बात कहते हुए जमुई सांसद चिराग पासवान ने 15/05/2018 को पत्रांक 7872 के माध्यम से तत्कालीन डीएम को इस संदर्भ में पत्राचार किया था। आज पत्राचार के तकरीबन 14 महीने बीत जाने के बाद भी किसी तरह के प्रतिउत्तर न मिलने से सांसद चिराग सहित सरकारी तंत्र से अब गंगरवासियों की उम्मीदें टूटने लगी है।
यदि ससमय बाबा कोकिलचंद धाम को जिलास्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल का दर्जा मिल जाता है तो जमुई के मानचित्र पर गंगरा की अपनी अलग पहचान बनेगी साथ ही इससे इस गाँव की संस्कृति को भी बढ़ावा मिल सकेगा।