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जमुई : पीओ हत्याकांड का उद्भेदन करने में पुलिस विफल, इन्वेस्टीगेशन जारी


[ न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा ] :-

हँसमुख, मिलनसार, मृदुभाषी, ये वो विशेषण हैं जो कैनेरा बैंक के पीओ ' मिलिन्द कुमार मधुर ' के लिए प्रयोग किये जाते थे। इसे दुर्भाग्य ही कहें कि बैंक की मीटिंग के लिए गया से जमालपुर फ़ास्ट पैसेंजर ट्रेन वापस लौट रहे मिलिन्द की चाकू मारकर हत्या कुरौता हॉल्ट के पास कर दी गयी।


इस हत्याकांड के विरोध में बैंककर्मी ने काम का त्याग किया, हंगामा हुआ, कैंडल मार्च निकाला कर विरोध प्रदर्शन भी किया गया पर समय के साथ धीरे धीरे सब स्वतः सामान्य हो गया। हालांकि, हत्याकांड के आग की सुगबुगाहट तो ताजी ही है पर इस आग की गर्माहट में तपिश कम देखी जा रही है। किसे पता था मिलिन्द की ये बैठक आखिरी बैठक बन जायेगा। मिलिन्द की मौत से जमुई जिले में चल रहे केनरा बैंक की पांच शाखाओं के सुरक्षा व्यस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है।

[ अनसुलझी पहेली का रूप ले रही है हत्याकांड ]

हत्या में सामने आने वाले कारण व अनुमान ने इस हत्याकांड को पुलिस के लिये पहेली बना दिया है। कहीं हत्या का कारण लूटपाट, तो कहीं प्रेम-प्रसंग बताया जाता है। कुछ लोग इस हत्याकांड को जमीनी विवाद से जोड़ते हैं तो कोई इसे ऑफिसियल विवाद का परिणाम बता रहे हैं। इन सबके पेंच ने पुलिस के लिए गुत्थी एक अनसुलझी पहेली के रूप में सामने आ रही है। हत्याकांड के दोषी को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती तो है, साथ ही मामले का उद्भेदन करना भी पुलिस के लिए एक बड़ा टास्क है।
यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि मिलिन्द न तो लोन का काम देखता था और न ही किसी तरह के घटना का मामला थाना में दर्ज है, इसके बावजूद ट्रैन की बॉगी में उसकी हत्या कर देना पुलिस के सामने सवालों की कतार लग रही है।

[ पब्लिक रिव्यू : सूखी रेत में एड़ी घस रही है पुलिस ]

इस हत्याकांड के बाद तुरंत इन्वेस्टीगेशन चालू कर दी गयी थी, पर 48 घंटे से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद इस संदर्भ में पुलिस के हाथ खाली नजर आ रहे हैं।
इस हत्याकांड को लेकर सन्मार्ग टीम ने जब जमुई की जनता का मिजाज जानना चाहा तो प्रशासन के खिलाफ उनमें आक्रोश पाया गया। कुछ लोगों का मानना है कि यदि मौका-ए- वारदात पर  जी. आर. पी. सक्रियता दिखाती तो ये अप्रिय घटना न घटती।वहीं कुछ लोगों ने बताया कि इस हत्याकांड को लेकर पुलिस सूखी रेत में एड़ी घस रही है।

इधर, पुलिस इस हत्याकांड में संलिप्त आरोपियों के शीघ्र गिरफ्तारी की बात कर रही है। खैर जो भी हो, फिलहाल सुशासन सरकार के इस सूखी रेत में एड़ी घस रही पुलिस को पानी कहाँ मिलेगा, इस पर पूरे जमुई जिले की नजरें टिकी है।