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Exclusive : अपनी आवाज से अपनी पहचान बना रही लाल गलियारे की सुप्रिया


रेडियो जॉकी सुप्रिया देश के पहले क्रिकेट रेडियो चैनल क्रिकफ्लेक्स के साथ कर रही इंटर्नशिप...

【 gidhaur.com | गुलशन कश्यप  】:-

कभी गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजने वाला जिले के नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्र खैरा की पहचान धीरे-धीरे बदल रही है। जहां कभी गोलियों की आवाज लोगों की कानों में चुभती थी, वही किसी की आवाज अब लोगों के कानों में मधुरता घोलने की तैयारी कर रही है। दरअसल जिले के अति नक्सल प्रभावित खैरा थाना क्षेत्र के खैरा बाजार की रहने वाली सुप्रिया गुप्ता अपनी आवाज के दम पर अपने इलाके की पहचान बदलने को प्रयासरत है। 



बताते चलें कि बीते 2 दिनों से बेटियों को लेकर खैरा से आ रही अलग-अलग 2 तस्वीरों के बाद यह तीसरी तस्वीर भी लोगों के हौसलों को और उड़ान देने वाली है। दरअसल बीते बुधवार को खैरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मानवता को झकझोर देने वाली एक बहुत ही शर्मनाक तस्वीर सामने आई थी। जहां परिजनों ने दस महीने के नवजात बच्ची को अस्पताल परिसर में लावारिस छोड़ दिया था और फरार हो गए थे। जिसके बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ था कि आखिर बेटी होना कोई गुनाह तो नहीं। वहीं दूसरी तस्वीर भी खैरा से ही सामने आई थी जहां खैरा बाजार की रहने वाली स्मृति कुमारी उर्फ पूनम को अमेरिकन स्वास्थ्य संस्था यूएस-एड ने टीबी मुक्त वाहिनी के लिए बिहार का ब्रांड अंबेसडर बनाया था तथा स्मृति अब लोगों को टीबी रोग से उपचार के लिए जागरूक करेगी। इसके बाद इसकी अगली तस्वीर भी खैरा से ही आई है जहां की रहने वाली रेडियो जॉकी सुप्रिया गुप्ता अब देश के पहले क्रिकेट रेडियो चैनल क्रिकफ्लेक्स पर अपनी आवाज से लोगों को दीवाना बनायेगी। दरअसल, सुप्रिया गुप्ता दिल्ली में रेडियो जॉकी के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी के साथ इंटर्नशिप कर रही है।

साधारण पिता की बेटी के बुलंद हैं हौसले】

खैरा बाजार निवासी एक साधारण व्यावसायिक सतीश कुमार गुप्ता की तीन संतानों में सबसे बड़ी सुप्रिया की पढ़ाई लिखाई गांव में ही हुई तथा एक कसबे के छोटे से विद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी कर वह जनरल कंपटीशन की तैयारी करने पटना चली गई। सुप्रिया गुप्ता बताती हैं कि इस दौरान मैंने कुछ अलग करने की ठानी तथा मैंने मास कम्युनिकेशन करने का मन बना लिया और मैं दिल्ली चली आई। यहां रहकर एक प्राइवेट संस्थान में मैंने मास कम्युनिकेशन का कोर्स पूरा किया। जिसके बाद एक टीवी चैनल के साथ महीनों तक इंटर्नशिप किया। हालांकि मेरी रुचि रेडियो में ज्यादा थी इसलिए मैं रेडियो की तरफ आ गई और वर्तमान में क्रिकेट जॉकी के रूप में इंटर्नशिप कर रही हूं।

[देश की पहली क्रिकेट रेडियो के साथ कर रही है काम] 

सुप्रिया बताती हैं कि मैं देश के पहले क्रिकेट रेडियो चैनल के साथ काम कर रही हूं। क्रिकफ्लेक्स नामक इस रेडियो चैनल ऐप के माध्यम से लोग देश के किसी भी हिस्से में क्रिकेट की लाइव कमेंट्री तथा क्रिकेट की खबरें सुन सकते हैं।

[ समाज की मानसिकता में आना चाहिए बदलाव] 

सुप्रिया गुप्ता आगे बताती हैं कि जब मैं दिल्ली चली गई और मैंने टीवी चैनल के साथ इंटर्नशिप करना शुरू किया तथा स्थानीय लोग ने मेरे बारे में बहुत बुरा भला कहा। लोग पीठ पीछे मेरी बातें करते थे तथा मेरे परिवार पर हंसते थे, पर मैंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी तथा अपने उसी जज्बे के साथ लगातार अपने प्रयास में जुटी रही, जिसका नतीजा यह मिला कि आज मैं एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी के साथ इंटर्नशिप कर रही हूं तथा आगे और भी बेहतर करने के स्कोप हैं। उन्होंने कहा कि समाज की मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है तब जाकर बेटियां भी बेटों से कहीं बेहतर नाम कर पाएंगी।