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क्या बागी हो गई हैं पुतुल कुमारी? 25 को बांका से करेंगी नॉमिनेशन दाखिल

एनडीए के सीट शेयरिंग के बाद यह तय नहीं है कि वे जदयू के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगी या फिर निर्दलीय ही अपनी किस्मत आजमाएंगी...


पटना/बांका/जमुई/कंटेंट डेस्क [सुशांत सिन्हा] :

बिहार एनडीए गठबंधन के घटक दलों के बीच 17 भाजपा, 17 जदयू एवं 6 लोजपा के बीच बिहार प्रदेश की कुल 40 सीटों के संसदीय क्षेत्र का बंटवारा रविवार को हो गया. जिसमें सभी पार्टी के अध्यक्षों ने आपसी सहमती से सीटों का चयन किया. भाजपा बिहार में पिछले चुनाव में 22 सीटों पर चुनाव जीती थी, लेकिन इस बार वो 17 सीटों के साथ मैदान में है. जबकि नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड भी भाजपा के बराबर की ही सीट के साथ चुनाव में अपना भाग्य आजमाएगी.
स्व. दिग्विजय सिंह
सीटों के हुए बंटवारे में बांका लोकसभा सीट जदयू के खाते में गई है. ऐसे में भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व सांसद पुतुल कुमारी के टिकट पर पेंच फंस गया है. श्रीमति पुतुल कुमारी पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह की पत्नी हैं. दिग्विजय सिंह के निधन के बाद वर्ष 2010 में हुए उपचुनाव में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीतकर संसद भवन तक पहुँचीं थीं. इसके बाद वर्ष 2014 के आम चुनाव में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और फिर से चुनाव मैदान में उतरीं. लेकिन इस बार समीकरण उनके पक्ष में नहीं गए और मोदी लहर होने के बावजूद भी उन्हें राजद के जयप्रकाश नारायण यादव से करारी शिकस्त मिली. पुतुल कुमारी दस हजार वोट से चुनाव हार गई थीं.
पुरे दम-खम के साथ मैदान में हैं पुतुल कुमारी
इस वर्ष भी पुतुल कुमारी पुरे दमखम के साथ चुनावी समर में हिस्सा लेने को तैयार हैं. हार के बावजूद उन्होंने खुद को बांका और बांकवासियों से जोड़े रखा. लेकिन अब एनडीए के सीट शेयरिंग के बाद यह तय नहीं है कि वे जदयू के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगी या फिर निर्दलीय ही अपनी किस्मत आजमाएंगी.

बांका में दूसरे चरण में लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जायेंगे. नामांकन 19 मार्च यानि होली के पहले से होगा. जबकि 18 अप्रैल को मतदान होगा. ऐसे में पुतुल कुमारी के रिश्तेदार और भाजपा के युवा नेता चन्दन सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह सूचना दी है कि पुतुल कुमारी 25 मार्च को अपना नॉमिनेशन दाखिल करेंगी. उनके पोस्ट पर इस बाबत पूछे जाने पर कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी या किसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी? श्री चन्दन ने लिखा है - 'शीर्ष नेतृत्व के घोषणा का इंतजार करें. हमलोग एनडीए में हैं.'
चन्दन सिंह का फेसबुक पोस्ट
यह इस ओर भी इशारा करता है कि शायद जदयू उन्हें अपने चुनाव चिन्ह पर बांका लोकसभा से चुनाव में उतारे. हालाँकि जदयू के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही इस बात की चर्चा की जा रही थी कि सीट भाजपा को मिले या जदयू को, भाजपा नेत्री व पूर्व सांसद पुतुल कुमारी ही उम्मीदवार होंगी.
भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलतीं पुतुल कुमारी
वैसे पूर्व सांसद व वर्तमान में जदयू के नेता गिरिधारी यादव भी बांका लोकसभा के पुराने धुरंधर हैं. गिरिधारी ने राजद के टिकट लड़ते हुए पर जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले दिग्विजय सिंह को चुनाव हराया था. अब गिरिधारी यादव जदयू में हैं और राजद के जयप्रकाश नारायण यादव के खिलाफ जाति समीकरणों को देखते हुए जदयू उन्हें भी टिकट दे सकता है.
ऐसे में इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि पुतुल कुमारी निर्दलीय चुनाव लड़ें. 2010 के बाय पोल इलेक्शन में उन्हें जीत भी मिली है. बांका के पुराने सांसदों की सूचि पर गौर करें तो यहाँ हर बार सत्ता पलट होता आया है.
जनसंपर्क के दौरान क्षेत्र में महिलाओं से मिलतीं पुतुल कुमारी
पुतुल कुमारी ने अपनी बेहतरीन पहचान बनाई है. अपने पति स्व. दिग्विजय सिंह की लोकप्रियता का भी उन्हें फायदा मिलता रहा है. बांका संसदीय क्षेत्र में पुतुल कुमारी लगातार आम लोगों के बीच भी गतिविधियों में शामिल होती रही हैं. क्षेत्र में उनकी सक्रीयता और लोकप्रियता को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उन्हें भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया गया.
अर्जुन अवार्ड विजेता बेटी श्रेयसी के साथ पुतुल कुमारी
इसके इतर पुतुल कुमारी की एक बड़ी पहचान ये भी है कि वे अर्जुन अवार्ड विजेता अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह की माँ हैं. इन सभी सकारात्मक पक्षों को देखें तो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी पुतुल कुमारी इस चुनाव में अपना करिश्मा दिखा सकती हैं.

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