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रसोईयों के समर्थन को मैदान में उतरा माले....

नीरज कुमार (सोनो) Edited by : Akshay kr.


: अखिल भारतीय ग्रामीण खेत मजदूर सभा के आह्वान पर प्रखंड मुख्यालय पर राज्यव्यापी प्रदर्शन व धरना दिया गया. यह प्रदर्शन हड़ताली रसोईयों की 15 सूत्री मांग को पूरा कर जनहित में शिक्षाहित हड़ताल खत्म करने को लेकर किया गया. इसका नेतृत्व माले. के जिला सचिव शम्भू शरण सिंह ने किया.

धरना को सम्बोधित करते हुए आइसा के राज्य उपाध्यक्ष बाबु साहब ने कहा कि पिछली 7 जनवरी से मध्यान भोजन योजना के तहत विद्यालय में कार्यरत रसोईया हड़ताल पर है जिसकी पूर्व सूचना सम्बन्धित संगठनो के द्वारा विभागों के अधिकारीयो को दिया जा चुकी है! लेकिन सरकार ओर सम्बन्धित विभाग सवेदनहीन बना हुआ है. मात्र 1250 रुपये मानदेय देकर रसोईया का शोषण कर रही है। जबकि केरल, गोवा, पांडुचेरी जैसे राज्यों में रसोईयों को 6 से 8 हजार रुपया प्रति माह मानेदय मिल रहा है. हमारा मानना है कि इतने कम मासिक मजदूरी पर रसोईया को खटाना आधुनिक रूप से गुलामी की प्रथा को पुनर्स्थापित करती है. राज्य की भूमिका न्युनतम मजदूरी लागू करने की है लेकिन वह संविधान श्रम कानून और सामाजिक न्याय का सरेआम उलंघन कर रही है. महिला श्रम दक्षता का बड़ा दोहन है.

सूत्रों के अनुसार  सरकार की नीति के खिलाफ रसोईया संघ आगामी 24 मई से पटना में अनिश्चितकालीन धरना देंगे। प्रदर्शनकारियों ने बीआरसी कार्यालय के समक्ष सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले भी फूंके।
धरना में उपस्थित लोगों में मीणा देवी, बीना देवी,स्यामा देवी, गीता देवी,सोनी देवी,बेबी देवी, उर्मिला देवी, सरदार मोदी, संजू माँझी, इत्यादि शामिल थे.