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अलीगंज : उर्दू मध्य विद्यालय में हुआ औचक निरीक्षण, बच्चे व शिक्षक के जगह मिला सन्नाटा


बिहार सरकार अपनी प्रजा को अपेक्षित सुविधा देने को संकल्पित है। बावजूद इसके विकास के सपने गुथने वाली मौजूदा सरकार के राज में काम करने वाले कुछ कर्मी अपने कंधे पर पड़े जिम्मेदारियों के बोझिल समझते हैं। जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड से हमारे वरीय संवाददाता [चन्द्रशेखर सिंह] आज आपको ऐसी ही हाल-ए-दास्तां से रूबरू करा रहे हैं :-

#विशेष कवरेज

दिन- सोमवार, समय- दोपहर 2:30 बजे
स्थान - उर्दू मध्य विद्यालय, आढा (अलीगंज)

विद्यालय परिसर में पसरा सन्नाटा उक्त विद्यालय में अनियमितता की गवाही दे रही थी। इसी क्रम में आढा पंचायत स्थित उर्दू मध्य विद्यालय में जब पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मो. अनवर इकबाल व पूर्व बीससूत्री सदस्य धर्मेन्द्र कुशवाहा ने उक्त विद्यालय का औचक निरीक्षण किया तो सभी शिक्षक निर्धारित शिक्षण अवधि से पूर्व ही विद्यालय की दहलीज लांघ चूके थे। अब शिक्षक तो छोड़िए, समय से पूर्व ही विद्यालय की दहलीज लांघने में विद्यालय प्रभारी का नाम शीर्ष में है।


औचक निरिक्षण के दौरान विद्यालय का पट खुला था पर यहां न तो बच्चे थे और न ही शिक्षक। मौका-ए-निरीक्षण में अपने ड्यूटी पर एकमात्र कोई मुस्तैद दिखी तो वो थी  रसोईया नाजमा खातुन। निरीक्षण के दौरान पूछे जाने पर विद्यालय में उपस्थित रसोईया नाजमा खातुन एक स्वर में कहती है कि हमें बिना कुछ कहे ही सभी शिक्षक अचानक चलते बने। न तो किसी शिक्षक ने मुझे कुछ बताया और न ही कोई विशेष जानकारी दी।
इधर औचक निरीक्षण करने वाले मुखिया प्रतिनिधि व बीससूत्री सदस्य ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि समय से पहले शिक्षक व बच्चों को चला जाना विद्यालय प्रभारी व शिक्षकों की मनमानी को दर्शाता है। 

बताते चलें प्रखंड में आधे से अधिक सरकारी विद्यालयों से शिक्षकों का फरार होना उनकी नियति बन चुकी है। अधिकारियों के मिलीभगत व इनके उदासीन रवैये से प्रखंड के कई विद्यालयों का समय से नहीं खुलना, एवं समय से पहले शिक्षकों का विद्यालय से फरार चलने की शिकायत ग्रामीणों के द्वारा प्रखंड से लेकर जिला तक के पदाधिकारियों को पहले भी दिया जा चूका है। बावजूद भी इस तरह के अनियमितता का सामने आना शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती है।

इधर, विद्यालय प्रभारी मो. गाजी से पूछने पर बड़े ही धीमे स्वर में बताते हैं कि वे हार्ट के मरीज हैं और दवाई खाने घर आए थे। विद्यालय लौटने के बाद सभी शिक्षक समय से पहले ही चले गये। वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मिथलेश्वर शर्मा ने जांचोपरांत उचित कार्रवाइ करने की बात कहते हुए मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया।


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