{न्यूज डेस्क | अभिषेक कुमार झा}
जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड में भाई-बहन के स्नेह व प्रेम का प्रतीक भैयादूज का त्योहार परंपरागत तरीके से खुशनुमा माहौल में मनाया गया। शुक्रवार की अहले सुबह से ही गिद्धौर बाजार की रौनक बनी हुई थी। गिद्धौर के हर घर में तो भैया दूज नहीं मनाई जाती, फिर भी बहनों व भाइयों में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह था। बहनें सुबह से ही भाइयों की आरती व तिलक करने को लेकर तैयारी में जुट गई थीं। बहनों ने भाइयों के यहां पहुँचकर उनकी आरती उतारी व तिलक लगाकर उनके लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान बहन व भाइयों ने एक दूसरे को उपहार भी भेंट किए।
▶ पर्व के पीछे क्या है मान्यता◀
गिद्धौर निवासी पंडित श्री कृष्ण मुरारी झा के अनुसार, भैयादूज मनाने के पीछे धार्मिक मान्यता यह है कि कार्तिक मास की द्वितीया को बहन के हाथों से बना भोजन करने से भाई के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसलिए इस दिन बहनें अपने हाथों से व्यंजन बनाकर भाई को खिलाती है। इस दिन की शुरुआत यमराज और उसकी बहन यमुना के द्वारा की गई थी, तब से यह दिन भैयादूज के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
▶गिद्धौर बाजार में छायी रही रौनक◀
भाई-बहन के इस परंपरागत त्योहार को लेकर गिद्धौर बाजार में दिनभर रौनक छायी रही। गिद्धौर के गणपति स्वीट्स, सुभाष स्वीट्स आदि मिठाई दुकानों पर भी अच्छी खासी भीड़ देखी गई। वहीं पर्व त्योहार के इस मौसम में गिद्धौर क्षेत्र के ऑटो चालकों जमकर चाँदी कूटी।