[गिद्धौर /अभिषेक कुमार झा]:-
गिद्धौर समेत पूरे सूबे में आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ आरंभ होने के बाद गिद्धौर का माहौल छठ के गीतों से महक रहा है।
आस्था के इस महापर्व को लेकर इसके गीत गिद्धौर वासियों के कानों तक पहुँचकर छठ पर्व का माहौल बना रहे हैं। इन गीतों में छठ से जुड़ी लोक कथाएं, पूजा के विधि-विधान व लोक परंपराएं भी समाई हैं जो कि छठ पर्व के आने की हट का एहसास कराती है। गिद्धौर के गलियों, दुकानों एवं घरों से ‘कांच ही बांस की बहंगिया, बहंगी लचकत जाए’ समां बांध रहे हैं। इन पारंपरिक लोक गीतों से गिद्धौर का पूरा माहौल छठमय हो गया है।
बताते चलें कि, गिद्धौर में गूँजते छठ पर्व के ये लोक गीत गिद्धौर वासियों में आस्था के भाव भरने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं जिससे की गिद्धौर वासियों में छठ को लेकर उत्साह में बढोत्तरी हो रही है।