{न्यूज डेस्क | अभिषेक कुमार झा} :
राष्ट्र निर्माण के वाहक कहे जाने वाले कुछ युवा पीढ़ी अब अव्यवस्था के प्रतीक बन रहे हैं।
हमारा आशय गिद्धौर में खुलेआम बिकने वाले मादक पदार्थों से है। जिसके चपेट में बुजुर्ग और व्यस्क लोगों के अलावे नवयुवक भी आ रहे हैं। इन पीढ़ियों में नशे का मकड़जाल फैलना अब चिंता का विषय बनता जा रहा है।
गहराई से इस पडताल में जूटे जब हमारे एक सहयोगी ने ग्राहक बनकर इन गुमटियों से भांग के गोले की डिमांड की तो सारा तंत्र सीशे की तरह साफ हो गया। गिद्धौर के अन्य पंचायतों में भी कुछ चिन्हित पान-सिगरेट की खुली गुमटियों पर भी भांग का गोला बिना किसी प्रशासनिक खौफ के महँगी कीमत पर बेचा जा रहा है।
पाठकों को बता दें कि शराब बंदी लागू होने के बाद अपने नशे की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग भांग आदि नशीले पदार्थों के सेवन पर विशेष जोर देने लगे हैं।
ग्राहक के रूप में उक्त दुकान में गये हमारे सहयोगी को नियमित भांग का सेवन करने वाले एक भंगेड़ी ने बताया कि भांग की लत का शिकार होने के बाद धीरे-धीरे उसके नशे की डोज बढ़ते चली गई।
गिद्धौर के कुछ पान गुमटियों में खुलेआम बिकने वाले मादक पदार्थ एक ओर जहां नशेबाजों को बढ़ावा दे रहा है, वहीं प्रशासनिक अमला इस बात को लेकर उदासीन बना हुआ है।
हलांकि प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बीच-बीच में शराब की खेप बरामद कर स्थानीय पुलिस प्रशासन इसको अपना गुड वर्क मानकर अपना पीठ थपथपा लेती है पर नशे की तपिश में युवाओं के भविष्य को जलाने वाले इन मादक पदार्थों का खुले आम पान गुमटियों में मिलने को लेकर स्थानीय प्रशासन गंधारी बनी हुई है।
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