जिला भर के खेतों में लगे धानों में बारिश की वजह से जान आ गयी है जिसे देखकर किसान मंद मुस्कान देते नजर आ रहे हैं...
जमुई [इनपुट सहयोगी] : जमुई जिला के लगभग सभी प्रखंडों में गुरुवार को लगातार 6-7 घंटों तक हलकी-हलकी बारिश होते रही. जिसके बाद सूखे की चपेट में आने वाले किसानों के सर से चिंता की रेखाएं मिटती दिखाई दी. जिला भर के किसान इस बारिश को देख मंद मुस्कान में नजर आते दिखे।
जमुई के विभिन्न प्रखंडो के इलाके के किसान धान की खेती को लेकर काफी चिंतित थे। इलाके में समय पर बारिश ना होने की वजह से खेतों में दरारें पड़ गई थी और धान के पौधे गर्मी की वजह से जलते दिखाई दे रहे थे.
वहीं कुछ किसानों कहना हैं कि इस बार समय पर बारिश भी नहीं हुई है. दूसरी तरफ बिजली की अघोषित कटौती से किसान के उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. जिससे अकाल की स्थिति स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। लेकिन इस बारिश से अब इलाके के प्रत्येक प्रखंडो के खेतों में लगे धानों में बारिश की वजह से जान आ गयी है। जिसे देखकर किसान हल्की मुस्कान लेते नजर आ रहे हैं।
किसान पानी की तलाश में कभी पैईन तो कभी डैम पर तो कभी बोरिंग पर जाते रहते थे ताकि उनके खेतों की फसल लहलहा जाए। पर हर जगह उन्हें निराशा ही हाथ लग रही थी. बोरिंग का जलस्तर इतना नीचे चला गया है कि बोरिंग से पानी नहीं निकल रहा है।
किसानों का कहना है कि इलाके के डैम भी रखरखाव के अभाव में दम तोड़ चुके है, जिसके मरम्मत की आवश्यकता है। साथ ही बारिश न होने की वजह से सुखाड़ की स्थिति भी बनी हुई है. अगर मौसम रहते बारिश होती तो उसमें भी पानी का जमाव रहता। लेकिन अब इस बारिश के कारण धान के पौधे में जान आ गए।
अब देखा जा रहा है कि किसानों में एक आशा की किरण जगी है कि घर के जमा पूंजी को किसानों ने अपने खेतों में जो डाला था वो उम्मीद पूरे होते नजर आ रहे हैं। खुश होते किसानों में उम्मीद जताते नजर आ रहे है कि आने वाले दिनों में जब फसल होगें तो अपने बच्चों और बेटियों की शादी-विवाह काफी धूमधाम से करे सकेंगे।