पटना (अनूप नारायण) : बैंक की नौकरी छोड़कर बिहार के निर्धन सह मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए बैंक की नौकरियों में सफलता के द्वार खोलने वाले पटना के शशि शरण इतिहास रच रहे हैं। एक अदद सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले बिहारी युवाओं की भीड़ से अलग शशि शरण में चार बार लगातार बैंक पीओ की नौकरी ज्वाइन कर इस लिए त्याग पत्र दे दिया कि इन्हे लगा की अगर बिहार के प्रथम पर छात्र-छात्राओं का उचित मार्गदर्शन हो तो बैंक की नौकरियों में भारी तलाश में बिहारी छात्र-छात्राएं सफल होंगे
इसी उद्देश्य को लेकर 7 महीने पहले पटना के नाला रोड में इन्होने निश्चय एकेडमी की स्थापना के साथ ही साथ गरीब छात्र-छात्राओं के लिए निशुल्क शिक्षण की व्यवस्था भी अपने स्तर से की।निस्चय अकादमी को खुले सिर्फ 7 महीने ही हुए है,और शशि शरण के 10 में से 6 बच्चें अब SBI में असिस्टेंट मैनेजर के रुप में चयनित हुए है. तथा एक राजकुमार असिस्टेंट क्लर्क के रूप में चयनित हुए है।
साथ से साथ ये CRPF के बैनर तले निशुल्क LIVE क्लास नक्सल प्रभावित इलाकों में चला रहे है।।संस्थान द्वारा मार्गदर्शन अंतिम रूप से चयनित छात्र-छात्राओं में नेहा सोनाली, गरिमा, ज्योति, विनीत, प्रभाकर, अभिजित व राजकुमार शामिल है
#कौन है शशि शरण
मिलिए युवा गणितज्ञ शशि शरण से जिसने पांच राष्ट्रीयकृत बैंकों में पीओ की नौकरी छोड़ने के बाद बिहार के बैंकिंग की तैयारी करने वाले छात्र छात्राओं के लिए एक अनूठे संस्थान की स्थापना की है.
एक सफल इंसान ऐसे लोगों के लिए आदर्श बन जाता है जो सफलता की तरफ अग्रसर होते है अगर उस व्यक्ति ने कठिन परिस्थितियों में खुद को अडिग रखते हुए सफलता प्राप्त की हो तो सफलता कई मायने में अहम होती किंतु सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद अगर वह इंसान वैसे लोगों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दें जो सफलता के पायदान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं और इन्हें सफलता का स्वाद चखा ने लगे तो कहानी अनुकरणीय हो जाती है आज हम आपको बिहार की राजधानी पटना के नाला रोड स्थित बैंको ३० तथा निश्चय एकेडमी के संस्थापक शशि शरण की प्रेरक कहानी बताने जा रहे हैं एक तरफ जहां पूरे देश में शिक्षण का कार्य बाजारवाद के चपेट में आ चुका है ऐसे दौर में बिहार की राजधानी पटना में एक ऐसे युवा हैं जो आशा की किरण जगा रहा है।
नाम है शशि शरण पिता है सुरेंद्र जी दो भाई और एक बहन के भरे पूरे परिवार में शशि की शिक्षा दीक्षा पटना में हुई है जून 2013 से लेकर अप्रैल 2017 के बीच उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद सिंडिकेट बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कहीं 3 महीने तो कहीं 6 महीने में बैंक पीओ की नौकरी की है शशि बतलाते हैं कि नौकरी लग जाने के बाद उन्हें लगा कि उनके अंदर जो कुछ खास है अगर इसको सामान्य छात्रों के बीच में माता जाए तो सफलता कई मायने में आम हो जाएगी एक था कि उनके संस्थान के जो छात्र अंतिम रूप से चयनित होते हैं उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है वह किसी भी सम्मान या किसी भी बड़ी सफलता से ज्यादा सुकून दाई होती है।
पटना नाला रोड पेट्रोल पंप के पास गरीब असहाय कमजोर बच्चों को निशुल्क बैंकिंग की तैयारी करवाने के लिए बैंको 30 की स्थापना कि उसके बाद बैंकिंग की तैयारी करवाने के लिए अपने संस्थान निश्चय एकेडमी की शुरुआत की जो आज की तारीख में बैंकिंग की तैयारी करने वाले बिहार के छात्र छात्राओं के लिए सबसे पसंदीदा संस्थान बन चुका है।
आज की तारीख में शशि का यह अभियान आंदोलन बनता नजर आ रहा है उनके संस्थान में सफलता की शत प्रतिशत गारंटी दी जाती है साथ ही साथ छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक से भी पढ़ाया जाता है इस पुरे अभियान के खुद शशि मेंटर है तथा छात्रों को सिलेबस की नित्य बदल रही सूक्ष्म बारिकियों तक से भी अवगत कराते हैं तैयारी मैं इस बात का ख्याल रखा जाता है कि कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए।ज्यादा से ज्यादा तादाद में छात्रों को अंतिम रुप से चयनित करवाने की मनसा होती है। इन दिनों अदम्या अदिति गुरुकुल में भी शशि शरण डॉक्टर एम रहमान और मुन्ना जी के नेतृत्व में चलने वाले गुरुकुल में भी शैक्षणिक अवदान दे रहे हैं।
बतौर युवा गणितज्ञ यह BSC एकेडमी कैरियर पावर जैसे संस्थानों में भी छात्रों का मार्गदर्शन कर चुके नीलम इन्फोटेक जैसे संस्थान के संस्थापक रहे है निश्चय एकेडमी को लेकर शशि की सोच साफ है इनका कहना है कि उन्होंने संस्थान की स्थापना आर्थिक उपार्जन के लिए नहीं किया बल्कि बाजारवाद में फंस चुकी बिहार की प्रतियोगी संस्थानों के वर्चस्व को तोड़ना उन का एकमात्र मकसद है छात्रों की सफलता के मिठास के आगे सब कुछ बेकार है इनका यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है