[सिमुलतला | गणेश कुमार सिंह]
जसीडीह झाझा रेलखंड के मध्य घोरपारन हाॅल्ट एवं नारगंजो स्टेशन पर बड़ी तादाद में लकड़ियों का गठरी ट्रैन के डब्बे के सभी दरवाजे पर चढ़ाते हुए अक्सर देखे जा सकते हैं।
विदित हो कि यह कारनामा प्रतिदिन इन स्टेशनों पर रुकने वाली सभी रेलगाडियों हावड़ा-मोकामा, सवारी-गाड़ी, आसनसोल-झाझा पैसेंजर, बैधनाथधाम-मोकामा पैसेंजर आदि में चढ़ाकर झाझा एवं जमुई तक ले जाया जाता है। जिससे सफर करने वाले यात्रियों को चढ़ने उतरने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी कभार तो यात्री लकड़ियों के गठरियों के कारण जख्मी भी हो जाते हैं। रेल प्रशासन यात्रियों की इन परेशानी से बेखबर है। और तो और ये सारे लकड़ी आस पास के वनों में अवैध रूप से कटाई किये जाते हैं। इधर मामले से बेखबर वन प्रशासन कुम्भकर्ण के नींद सोई है।
ज्ञात हो कि यह क्षेत्र अति संवेदनशील है। यहां नक्सलियों का गढ़ मन जाता है, जिस कारण यहां के प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी अनदेखी कर रही है।
यदि जल्द ही संबंधित विभाग हरकत मेअं नहीं आया तो अवैध लकड़ियों के गट्ठर से ट्रेनों का श़ृंगार होता रहेगा।