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सुप्रीम कोर्ट में नियोजित शिक्षकों के लिए लगातार तीन दिन होगी सुनवाई


संकलनकर्ता :- दयानन्द साव
[gidhaur.com | पटना डेस्क]
   :नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन मामले की सुप्रीम कोर्ट में 25, 26 और 27 सितम्बर को सुनवाई होगी। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अगले सप्ताह का केस लिस्ट जारी कर दिया है।  जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और जस्टिस यू यू ललित की अदालत में 25 सितम्बर के यह केस पहले नम्बर पर सूचीबद्ध है। अब ये उम्मीद की जा रहा है कि अगले सप्ताह तक इस केस पर फैसला आ सकता है।
तीनों दिन सुनवाई करेगी दो सदस्यीय खंडपीठ
25, 26 और 27 सितम्बर को न्यायमूर्ति अभय़ मनोहर सप्रे और न्यामूर्ति यूयू ललित की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। 25 और 26 सितम्बर को फुल डे कोर्ट है जब कि 27 सितम्बर को हाफ डे कोर्ट है। लगातार तीन दिनों तक सुनवाई होने से अब ये उम्मीद की जा रही है कि नियोजित शिक्षकों के मामले में अब फैसला आ सकता है।

नियोजित शिक्षकों को है फैसले का इंतजार
सुप्रीम कोर्ट में 19 सितम्बर को इस मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन वह टल गयी थी। अब 25 सितम्बर से फिर इस मामले की सुनवाई होनी है। 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षकों को कोर्ट के फैसले का इंतजार है। पिछली सुनावाई में टीइटी शिक्षकों की वकील विभा दत्त मखीजा ने उनका पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि क्वालिटी एजुकेशन तभी संभव है जब हमारे पास क्वालिटी टीचर हों। शिक्षकों को न्यूनतम योग्यता के साथ टीइटी पास होना अनिवार्य है। दूसरी और बिहार सरकार और केन्द्र सरकार की तरफ से कोर्ट में यह कहा गया है कि नियोजित शिक्षकों के समान काम के बदले समान वेतन देने के लिए आर्थिक क्षमता नहीं है। बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों के वेतन में 20 फीसदी बढ़ोतरी के लिए तैयार है। इस मामले में कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या नियोजित शिक्षकों को समान वेतन नहीं देने से क्वालिटी एजुकेशन मुमकिन है ? कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि एक शिक्षक को 70 हजार वेतन और एक शिक्षक को 26 हजार क्यों दिया जा रहा है ? फिलहाल इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से बहस जारी है।
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि समान वेतन को लेकर होने वाले बहस से जमुई जिले के शिक्षकों को भी लाभ मिल सकेगा।