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गुरुवार, 6 सितंबर 2018

मांगोबंदर : संसद में पारित एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में किया सड़क जाम, आगजनी व प्रदर्शन

[मांगोबंदर |  शुभम् मिश्र ]  Edited by - Abhishek Kumar Jha.

लोकसभा में पारित हुए अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक 2018 के विरोध में सवर्ण समाज के सैकड़ों लोगों द्वारा  मांगोबंदर मुख्य बाज़ार पर खैरा-सोनो मुख्य मार्ग (एन.एच-333 ए) को जाम कर यातायात बाधित कर दिया गया। 

युवाओं का जत्था ने केंद्र सरकार के विरुद्ध नारे लगाते हुए सड़क पर टायर जलाकर उक्त संशोधित विधेयक का विरोध किया। इस कारण यातायात बाधित रहने से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। इस मौके पर उपस्थित प्रदर्शनकारी युवाओं ने एस.सी/एस.टी एक्ट को काला कानून बताते हुए कहा कि सवर्णों के साथ ज्यादती हो रही है। उन्होंने कहा कि इस एक्ट का दुरूपयोग  करते हुए  झूठे मुकदमों में निर्दोषों को फंसाया जा रहा है। सवर्ण समाज के सदस्यों ने अपनी  मांगो को रखते हुए कहा कि इस एक्ट जैसे काला कानून को शीघ्र खत्म किया जाय। आरक्षण को जाति के बजाय आर्थिक आधार पर लागू किया जाय व दिल्ली में उक्त एक्ट के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ लगाए गये देशद्रोह का मुकदमा वापस लिया जाय।

प्रदर्शन कर रहे  महादेव सिंह ,मनोज सिंह,  मुन्ना सिंह, प्रभात सिंह, गोरेलाल सिंह समेत सवर्ण समाज के सैकड़ों युवाओं ने एक स्वर में कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विधेयक लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को शिथिल तो कर दिया, लेकिन अब समाज के लोग सजग व जागरूक हो गये हैं। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो हमलोग इसका जवाब आगामी लोकसभा व विधानसभा के  चुनावों में देने से नहीं हिचकेंगे।
वहीं पूर्व मुखिया महादेव सिंह ने मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों को भी आरक्षण देने के लिए मोदी सरकार अध्यादेश पारित करे। 

बता दें मांगोबंदर में व्यवसायिक वर्गों ने दुकानें बंद कर भारत बंद का समर्थन किया। प्रशासनिक आश्वासन पर जाम को हटाया गया ।
विदित हो कि भारत बंद का आह्वान की घोषणा सवर्ण समाज ने विगत 30 अगस्त को किया था। जिसका असर वृहत पैमाने पर प्रभावित स्थानों में देखने को मिल रहा है। 

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