अगर आप जमुई में रहते हैं या जमुई आते जाते होंगे तो इस सड़क से गुजरते हैं तो एक जगह जाकर आपका मन में थोड़ा सा घबरा जाता होगा या आपकी स्पीड कम हो जाती होगी क्योंकि आपकी थोड़ी सी चूक एक बड़ी दुर्घटना को अंज़ाम दे सकती है।
जी हाँ, आप सही समझे मैं बात कर रहा हूँ जमुई मलयपुर स्टेशन रोड की जो किऊल नदी के उपरिगामी पुल से कुछ ही दूरी पर है।आख़िर क्यों ख़तरा है ? ऐसा क्या है यहाँ जो आज ये रिपोर्ट बनानी पड़ी, आज मैं आपको इससे होने वाली बातों से वाकिफ़ करूँगा, जो कभी भी घट सकती है-
जी हाँ, आप सही समझे मैं बात कर रहा हूँ जमुई मलयपुर स्टेशन रोड की जो किऊल नदी के उपरिगामी पुल से कुछ ही दूरी पर है।आख़िर क्यों ख़तरा है ? ऐसा क्या है यहाँ जो आज ये रिपोर्ट बनानी पड़ी, आज मैं आपको इससे होने वाली बातों से वाकिफ़ करूँगा, जो कभी भी घट सकती है-
- एक धोखा है इस राह में-
जैसा की तस्वीर में आप दे रहे हैं, यहाँ सड़क आकर अचानक दो तरफ मुड़ जाती है खतरा ये नहीं है खतरा बीच में लगे एक विशाल पेड़ से है,जो सड़क के ठीक बिचो बीच में है। सड़क की स्थिति अच्छी है जिसकी वजह से आने जाने वाली गाड़ियों की रफ़्तार अक्सर तीव्र होती है,जबकि सड़क का ढलाव और बीच में पेड़ होने से आने जाने वाली गाड़ियां तबतक नहीं दिखती जबतक ये अत्यंत नज़दीक न आ जाये, अब थोड़ी सी चूक से कोई भी अनहोनी हो सकती है या तो गाड़ी पेड़ से टकरा सकती है या दो गाड़ियों के बीच कभी भी टक्कर हो सकती है।
- वाहन से बचे तो पेड़ टकराए
बात की जाय तो पेड़ की वज़ह से अक़्सर वाहन चालक धोखा खा जाते हैं,धोखा हो भी क्यों न दो सड़क एकदम से मुड़ती है और बीच में ही पेड़ है अगर वाहन का संतुलन जरा सा भी डगमगाए तो टक्कर सुनिश्चित है फिर चाहे टक्कर पेड़ से हो या फिर गाड़ी से
- गिद्धौर डाॅट काॅम की राय
एक पेड़ से दूसरे पेड़ की दूरी तक़रीबन 6-10 फ़ीट है अगर आगे वाले पेड़ को काट दिया जाए तो रास्ते की चौड़ाई और घुमाव बढ़ सकता है और वाहनों को दूर से भी देखा जा सकता है।इस तरह से किसी अनहोनी को होने से रोका जा सकता है। इसपर वन विभाग को ध्यान देना चाहिए।
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