[न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा ]
बिहार-झारखण्ड-बंगाल जैसे तीन राज्यों को जमुई जिले से जोड़ने वाली दो महत्वपूर्ण पुलों के मरम्मतीकरण का कार्य शुरू कराने के लिए एनएच प्रशासन ने इसके लिए 20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर दी है।
एनएच विभाग के कार्यपालक अभियंता के अनुसार, ये बीस करोड़ की राशि से जमुई जिले के दो पुल अपने पुराने अस्तित्त्व में वापस लौटेगे.
विभाग द्वारा निर्माण की निम्न गुणवत्ता को लेकर जमुई जिले का नारियाना एवं मान्गोबंदर पुल सदैव सुर्ख़ियों में रहा है. तीन राज्यों को आपस में जोड़ने वाली इन दोनों पुलों पर बड़े-बड़े वाहनों के आवागमन पर विराम लगा हुआ है. कुछ महीनो बाद ये दोनों पुल गुलज़ार होते दिखेगे.
दरअसल, खैरा के मांगोबंदर एवं नारियाना पुल के मरम्मत का कार्य 10-10 करोड़ रुपये की राशि से शुरू कराया जाना है। बड़े वाहनों का आवागमन अब तक बाधित होने से वाहन चालकों को 25- 30 किलोमीटर की दूरी अधिक तय करनी पड़ती थी, जिससे वाहन चालक व् मालिक को शारीरिक और आर्थिक दोनों परेशानी उठानी पड़ती थी. सभी मापदंडों को देखते हुए पुल मरम्मत का कार्य शुरू कराने के लिए अब विभाग की गंभीरता नज़र आ रही है। मरम्मत का कार्य शुरू करने से पहले पुल की जांच कर आगे कार्यो की जांच की जाएगी.
अधिकारिक रूप से मिली जानकारी के अनुसार पुल मरम्मत कार्य शुरू कराने के लिए एनएच विभाग के अधिकारियों ने किऊल नदी पर बने नारियाना व मांगोबंदर पुल का नमूना अपने साथ इकट्ठा कर ले गयी है। इन दो पुलों के मरम्मती के लिए एनएच विभाग अपनी ओर से लैब के माध्यम से मरम्मत शुरू कराने की स्थिति को पहले बारीकी से परखेंगे उसके बाद शीघ्र ही काम शुरू करा दिया जायेगा।
बिहार-झारखण्ड-बंगाल जैसे तीन राज्यों को जमुई जिले से जोड़ने वाली दो महत्वपूर्ण पुलों के मरम्मतीकरण का कार्य शुरू कराने के लिए एनएच प्रशासन ने इसके लिए 20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर दी है।
एनएच विभाग के कार्यपालक अभियंता के अनुसार, ये बीस करोड़ की राशि से जमुई जिले के दो पुल अपने पुराने अस्तित्त्व में वापस लौटेगे.
विभाग द्वारा निर्माण की निम्न गुणवत्ता को लेकर जमुई जिले का नारियाना एवं मान्गोबंदर पुल सदैव सुर्ख़ियों में रहा है. तीन राज्यों को आपस में जोड़ने वाली इन दोनों पुलों पर बड़े-बड़े वाहनों के आवागमन पर विराम लगा हुआ है. कुछ महीनो बाद ये दोनों पुल गुलज़ार होते दिखेगे.
दरअसल, खैरा के मांगोबंदर एवं नारियाना पुल के मरम्मत का कार्य 10-10 करोड़ रुपये की राशि से शुरू कराया जाना है। बड़े वाहनों का आवागमन अब तक बाधित होने से वाहन चालकों को 25- 30 किलोमीटर की दूरी अधिक तय करनी पड़ती थी, जिससे वाहन चालक व् मालिक को शारीरिक और आर्थिक दोनों परेशानी उठानी पड़ती थी. सभी मापदंडों को देखते हुए पुल मरम्मत का कार्य शुरू कराने के लिए अब विभाग की गंभीरता नज़र आ रही है। मरम्मत का कार्य शुरू करने से पहले पुल की जांच कर आगे कार्यो की जांच की जाएगी.
अधिकारिक रूप से मिली जानकारी के अनुसार पुल मरम्मत कार्य शुरू कराने के लिए एनएच विभाग के अधिकारियों ने किऊल नदी पर बने नारियाना व मांगोबंदर पुल का नमूना अपने साथ इकट्ठा कर ले गयी है। इन दो पुलों के मरम्मती के लिए एनएच विभाग अपनी ओर से लैब के माध्यम से मरम्मत शुरू कराने की स्थिति को पहले बारीकी से परखेंगे उसके बाद शीघ्र ही काम शुरू करा दिया जायेगा।
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