तीन से छह वर्ष तक के नौनिहालों को स्कूल पूर्व शिक्षा देकर उनके जीवन पर भविष्य का छत देने वाली आंगनबाड़ी आज स्वयं छत की आस में दम तोड़ रहा है। हम बात कर रहे हैं, गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत सेवा पंचायत (उपरली) के आंगनबाड़ी केंद्र-66 भवन की जहाँ लापरवाही का आलम यह है कि तीन वर्षों में अब तक इसके भवन को न तो छत ही नसीब हुई और न ही अधूरी बिल्डिंग पर किसी जिम्मेदार पंचायत प्रतिनिधि की नजर ही पड़ रही है।
लाखों रूपये की लागत से आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण वर्ष 2015-16 में प्रारंभ हुआ था। जैसे-तैसे दीवार तो खड़ी हो गई, परंतु इसके बाद जो कार्य ठप हुआ, वह अब तक शुरू नहीं हो सका है। भवन को छत कब नसीब होगी, इसका जवाब भी किसी जिम्मेदार पंचायत प्रतिनिधियों के पास नहीं है।
प्राप्त जानकारी अनुसार, उक्त आंगनबाडी का निर्माण कार्य सचिव पन्नालाल ठाकुर के द्वारा सन् 2015-16 में शुरू किया गया था। लेकिन विभागीय आदेश पर सेक्रेट्री श्री पन्नालाल के ट्रान्सफर के बाद आज तक इस आंगनबाडी के छत की ढलाई नहीं हो सकी। लिहाजा विगत दो-तीन वर्षों से उपरली सेवा के पुआरी टोला स्थित कर्मशाला भवन में इस आंगनबाडी का संचालन हो रहा है।
वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने अपने नाम की गोपनीयता बनाए रखते हुए जानकारी दी कि, 66 नंबर आंगनबाडी के छत की ढलाई न होने के कारण आंगनबाडी का सब काम कार्यशाला भवन में होता है, जिससे जो सभी सुविधाएँ नौनिहालों को मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है।
उक्त मामले को लेकर आंगनबाडी सेविका माला देवी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि 66 नंबर आंगनबाडी केन्द्र के छत की ढलाई को लेकर पंचायत के मुखिया का कई बार ध्यानाकृष्ट कराया जा चूका है, इसके उपरांत भी आज तक इस आंगनबाडी केन्द्र को छत नसीब नहीं हो सकी है।
विदित हो यदि विभागीय स्तर पर मामले की जांच नहीं की गई तो बच्चों को शैक्षणिक माहौल में ढालने वाला उक्त आंगनबाडी केन्द्र उद्देश्यहीन सिद्ध होकर बच्चों के भविष्य पर यूं ही सितम ढाती रहेगी।