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शनिवार, 4 अगस्त 2018

पटना : जन संवाद का हुआ आयोजन, 100 से ज्यादा RTI कार्यकर्ता हुए शामिल




[पटना]     ~अनूप नारायण
सूचना का अधिकार और लोक शिकायत कानून पर पटना के ए.एन.सिन्हा सामाजिक शोध संस्थान में जन संवाद का आयोजन हुआ | प्रख्यात  सामाजिक कार्यकर्ता और सूचना का अधिकार कानून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले निखिल डे और सेवानिवृत न्यायाधीश जस्टिस राजेन्द्र प्रसाद शामिल हुए | इस संवाद में राज्य भर से आये 100 से ज्यादा आरटीआई कार्यकर्ता और लोक शिकायत कानून को इस्तेमाल करने वाले लोगों ने भाग लिया। इस बैठक में पूर्वी चंपारण में मारे गए राजेन्द्र सिंह और जमुई में मारे गए वाल्मीकि यादव के परिवार के सदस्य शामिल हुए |
ज्ञात हो कि बिहार में पिछले 2 महीने के अन्दर सूचना का अधिकार इस्तेमाल करने वाले तीन आरटीआई कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या कर दी गयी है | 19 जून को पूर्वी चंपारण के आरटीआई कार्यकर्ता राजेन्द्र प्रसाद सिंह की हत्या हुई और 1 जुलाई को जमुई में वाल्मीकि यादव और धर्मेन्द्र यादव की हत्या कर दी गयी थी |  तीनों लोग अपने इलाके में चल रहे विकास योजनाओं की निगरानी कर रहे थे और अपने प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे थे | इसलिए उन्हें धमकियाँ मिली और फिर उनकी हत्या कर दी गयी | हत्या करने वालों में स्थानीय दबंग पंचायत प्रतिनिधियों और बिचौलियों का नाम आ रहा है |
चर्चित कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज ने कहा कि “जितने  भी भ्रष्टाचार से लड़ने के कानून हैं उस पर प्रहार चल रहा है | हाल ही में भ्रष्टाचार निवारण कानून में बदलाव किया गया , लोकपाल की नियुक्ति नहीं हुई है और सूचना के अधिकार कानून में बदलाव कर कानून को कमजोर करने की कोशिश हो रही है” |

निखिल डे ने कहा कि आधार लगाकर सरकार के पास लोगों के बारे में सूचना का अधिकार आ गया है पर हम जब सूचना मांगते हैं तो तमाम तरह की परेशानी होती है | बिहार सरकार को गंभीरता से सूचना के अधिकार को लागू करना चाहिए | अब डेटा संरक्षण कानून के बहाने जरूरी जानकारी को छुपाया जाने की कोशिश हो रही है |
जन संवाद में आशीष रंजन ने कहा कि मामला गंभीर है क्योंकि केंद्र और राज्य में सरकारें भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर और सुशासन के नाम पर बनी, पर आज वही सरकारें इन बहादुर लोगों की उपेक्षा कर रही हैं, उनकी हत्या हो रही है | जो आम नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ बोल रहे हैं उन्हें सुरक्षा मिलने के बजाय निशाना बनाया जा रहा है | ऐसे नागरिकों की सुरक्षा के लिए बने Whistle-blower Protection कानून को लागू नहीं किया जा रहा है हालांकि इसी सब के बीच बिहार सरकार ने लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए शिकायत निवारण कानून, 2015 बनाया है | 20 से अधिक जिला से शिकायतकर्ताओं की जनसुनवाई जस्टिस राजेन्द्र  प्रसाद के सामने हुई |

सभी कार्यकर्ताओं के बीच जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर जन घोषणा पत्र तैयार  किया गया जिसमे यह कहा गया है कि किसी सूचना के अधिकार कार्यकर्ता की हत्या होने पर वहाँ एक विशेष उच्चस्तरीय ऑडिट कराया जाए |
इस कार्यक्रम का आयोजन सूचना के जन अधिकार का राष्ट्रीय अभियान, जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, डिजिटल एमपावरमेंट फ़ौंडेशन और वीडियो
वौलेंटीयर्स ने मिलकर किया |  इसमें कामायनी स्वामी, आशीष कुमार,  सोहिनी, अमृता जोहरी, महेंद्र यादव, उज्जवल कुमार, महेंद्र यादव, मणिलाल एवं कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए |

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