[न्यूज डेस्क | अभिषेक कुमार झा] : किसानों के लिए यह समय धनरोपनी का है लेकिन मौसम के बदलते मिजाज का असर खरीफ फसलों की बुआई पर दिख रहा है। बारिश के लिए आसमान की ओर निहारते गिद्धौर प्रखंड के किसानों की स्थिति बेहद खराब है।
विभाग के अनुसार, बिहार के कई ऐसे जिले हैं, जो खेती के लिए पटवन पर आश्रित हैं, इन जिलों में जमुई भी शामिल है। यहां के अधिकांशतः किसान अपने फसल उपज के लिए बारिश पर आश्रित होते हैं। धनरोपनी की 20 दिनों का समय बीत जाने के बाद अब गिद्धौर प्रखंड के किसान दमकल के सहारे धनरोपनी शुरू कर रहे हैं। पिछले वर्ष जुलाई माह में ही गिद्धौर प्रखंड के किसानों ने धनरोपनी का कार्य खत्म कर दिया था लेकिन मौसम की बेरूखी के कारण इस वर्ष गिद्धौर प्रखंड में अगस्त के पहले सप्ताह तक धनरोपनी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
गिद्धौर प्रखंड के मौरा, रतनपुर, सेवा, कोल्हुआ, गंगरा आदि पंचायतों के किसानों ने बारिश की आस में अभी तक बीज भी नहीं खरीदा।
गिद्धौर प्रखंड के कुछ सक्षम व समृद्ध किसानों ने तो बाजार से ही बीज खरीदा वहीं शेष किसान अभी तक कृषि विभाग के अनुदानित हाईब्रिड बीज का इंतजार कर रहे हैं। पर समय पर बारिश नहीं होने से धान की उपज पर ग्रहण लगता दिख रही है।
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