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शुक्रवार, 15 जून 2018

सोनो : सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ 12 दिवसीय डीएलएड कार्यशाला संपन्न

[gidhaur.com | सोनो(जमुई)] :- किसी भी राष्ट्र का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास उस देश की शिक्षा व्यवस्था पर निर्भर करता है, जिसे  सुचारू रखने की जिम्मेदारी शिक्षकों के ऊपर होती है। इसलिए शिक्षकों को नवीनतम ज्ञान और कौशल का जानकार व योग्य होना चाहिए ताकि बच्चों में हम गुणवत्तायुक्त शिक्षा दे सकें।
उक्त बातें शुक्रवार को जमुई जिले के सोनो प्रखंड स्थित +2  परियोजना बालिका उच्च विद्यालय में एनआईओएस से संचालित सेवारत अप्रशिक्षित अध्यापकों के लिए दो वर्षीय डीएलएड पाठ्यक्रम की 12 दिवसीय कार्यशाला के समापन के दौरान प्रशिक्षक राकेश कुमार ने कही।
इस 12 दिवसीय कार्यशाला के दौरान 200 अध्यापक प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। इस कार्यशाला के दौरान विषय विशेषज्ञ साधनसेवियों द्वारा अध्यापक प्रशिक्षुओं को कक्षा शिक्षण के क्रम में पाठ योजना का महत्व,शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण, छात्र के पोर्टफोलियो का निर्माण तथा प्रश्न पत्र निर्माण हेतु ब्लूप्रिंट तैयार करना आदि विषयों की जानकारी दी गई।
टीएलएम दिखाते प्रशिक्षु पंकज कुमार
[डीएलएड कार्यशाला में शिक्षकों ने लगाई मॉडलों की प्रदर्शनी]
12 दिवसीय डीएलएड प्रशिक्षण के 10वें दिन बुधवार को शिक्षक-शिक्षिकाओं ने मॉडलों और चार्टों से टीएलएम बनाकर अपनी प्रतिभा दिखाते हुए शिक्षा व्यवस्था को आसान बनाने संबंधी अनेक मॉडल लगाए गए। जिसमें कक्षा 1-8 तक के अंग्रेजी, हिन्दी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान आदि विषयों पर आधारित प्रकरणों के टीएलएम तैयार किए गए।

[डीएलएड वर्कशॉप के अंतिम दिन छात्रों ने साझा किए अनुभव]
12 वें दिन के समापन सत्र में छात्र अध्यापकों ने प्रथम वर्ष की पीसीपी और वर्कशॉप के दौरान अपने अनुभवों को साझा किया। इसी क्रम में प्रशिक्षण प्राप्तकर्ता आनंद किशोर, रूबी कुमारी, पंकज कुमार, आरती उपाध्याय, अनिल कुमार आदि ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि कार्यशाला के पूर्व भी हम अध्यापक प्रशिक्षुओं के द्वारा विद्यालय में अध्यापन कार्य किया जा रहा था, पर इस बारह दिवसीय कार्यशाला के बाद हम लोगों के शिक्षण कौशल में निखार आया है। अब हम लोग बेहतरीन ढंग से अपने विद्यालय में शिक्षण कार्य कर सकते हैं।
विदाई गीत की प्रस्तुतीकरण
[सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी हुआ आयोजन]
कार्यशाला के 12वें दिन, विदाई समारोह के दरमियां प्रशिक्षुओं द्वारा विदाई गीत प्रस्तुत किया गया। इस दौरान सबके नयन आश्रुपुरित हो गए थे। वहीं कुछ देर हिन्दी गानों का भी दौर चला।

         [प्रशिक्षुओं के हाथों सम्मानित हुए प्रशिक्षक]
विदाई गीत के समापनोपरांत बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ गिद्धौर प्रखंड के उपाध्यक्ष राजीव वर्णवाल ने उक्त केन्द्र पर नि:स्वार्थ भाव से ट्रेनिंग दे रहे प्रशिक्षक राकेश कुमार को उपहार देकर उन्हें सम्मानित करते हुए 12 दिवसीय कार्यशाला में श्री कुमार के अहम योगदान की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए उन्हें साधुवाद का पात्र बताया । वहीं इस दौरान कार्यशाला में साधनसेवी के रूप में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले संतोष कुमार सिंह, अलका कुमारी सिंह को भी सम्मानित कर उनका आभार व्यक्त किया।

[मील का पत्थर सिद्ध होगा यह कार्यशाला]

इस 12 दिवसीय डीएलएड कार्यशाला पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रशिक्षु रोहित कुमार झा, जया पाण्डेय, अर्चना कुमारी झा, अमित कुमार, सुशांत शेखर, राजेश कुमार मंडल, शिवेंद्र रावत, बबिता कुमारी आदि ने बताया कि इस 12 दिवसीय कार्यशाला में सिखाए गए शिक्षण विधि के गुर हमारे पेशे में हमारे लिए मील के पत्थर सिद्ध होंगे, कार्यशाला में किए गए अनुभव के तर्ज पर अपने छात्रों को सरल माध्यम से अध्ययन कार्य में रूचि जगा सकते हैं।

[केन्द्र समन्वयक की सुनिए]

इस संदर्भ में परियोजना बालिका उच्च विद्यालय सोनो के केन्द्र समन्वयक रंजीत कुमार ने कहा कि, शिक्षण कौशल से जुड़ी जानकारियों को इस 12 दिवसीय कार्यशाला के दौरान, विभागीय दिशा-निर्देश को ध्यान में रखकर, अध्यापक प्रशिक्षुओं को उनके साधन सेवियों द्वारा बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।

[कार्यशाला से कौशल में आता है निखार : साधनसेवी]
कार्यशाला के अंतिम दिन आयोजित विदाई समारोह के दौरान कार्यशाला में साधनसेवी संतोष कुमार सिंह एवं अलका कुमारी सिंह ने संयुक्त रूप से प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य प्रतिभागियों की अंदर की क्षमताओं, दक्षताओं और कौशलों को निखार कर फिर से ऊर्जावान बनाना होता है।
पाठकों को जानकारी से अवगत करते चलें कि, विभागीय निर्देश के आलोक में विगत 4 जून से
संपूर्ण जमुई जिले में एनआईओएस डीएलएड के अध्यापक प्रशिक्षुओं के प्रथम वर्ष के 12 दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया था, इस अवधि में प्रशिक्षुओं बनें अपने शिक्षण कौशलों को उपयोग में लाकर अपने विद्यालयों में शिक्षा के सकारात्मक वातावरण का सृजन करने के तौर तरीके से अवगत हुए।
(अभिषेक कुमार झा)
न्यूज डेस्क | 15/06/2018, शुक्रवार
www.gidhaur.com

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