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विकास के दौर में भी नहीं बना नदी पर पुल, चचरी के सहारे होता है आवागमन

Gidhaur.com:(बैरगनिया):- लालबकेया नदी के जमुआ घाट पर निर्माणधीन सड़क पुल का निर्माण कार्य इस बरसात में भी अब पूरा नही हो सकेगा.प्रखंड को पूर्वी चंपारण के पताही, मधुबन, चकिया आदि स्थानों को जोड़ने वाली इस सड़क खंड के जमुआ घाट पर लोग चचरी के सहारे नदी पार कर रहे है। यह चचरी भी जल स्तर में थोड़ी से वृद्धि होने के बाद पानी मे बह जाता है, क्योंकि कई नाव को नदी की धारा में रख कर ऊपर से चचरी बनाया गया है। चचरी के सहारे नदी पार करने वालो को चचरी बनाने वाले नाविक को प्रति पैदल यात्री 10/- व बाइक सवार को 20/- रुपये देने पड़ते है।


 लोगो को उम्मीद थी कि इस बरसात से पूर्व जमुआ घाट पर बन रहा पुल तैयार हो जाएगा व आवागमन भी बहाल हो जाएगा, लेकिन पुल निर्माण में लगे संवेदक व अभियंताओं की ढीला सुस्ती के कारण पुल का करीब करीब सभी पाया तो तैयार हो गया। वही पुल के ऊपर का भी 80 फीसदी कार्य पूरा हो गया है,परन्तु एप्रोच पथ में मिट्टी भरायी का काम पूरा नही होने के इस बरसात में भी इस पुल के रास्ते आवागमन बहाल नही हो सका है। पताही से बाइक से जमुआ घाट पर चचरी पुल के रास्ते नदी पार करने वाले बैरगनिया के रालोसपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश पटेल, शिक्षक बिजेंद्र कुमार, प्रो राजकुमार सिंह व विश्वनाथ पाठक विद्रोही ने कहा कि अभियंताओं व निर्माण एजेंसी के संवेदक के मनमानी के कारण इस वर्ष भी लोग जान हथेली पर लेकर चचरी अथवा नाव से लोग नदी पार कर रहे है।
अगर पुल निर्माण में लगे एजेंसी व अधिकारियो का यही रवैया रहा तो बैरगनिया प्रखंड के लोग फिर से आंदोलन करेंगे। बताया कि इस पथ के जमुआ घाट पर पुल बन जाने से बैरगनिया का सीधा संपर्क चकिया, मुजफ्फरपुर के रास्ते राजधानी पटना से हो जायेगी,परन्तु सरकार इस इलाके के विकास के प्रति गम्भीर नही है।

अनूप नारायण
पटना
15.06.2018

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