
[gidhaur.com | गिद्धौर (जमुई)] :- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मंगलवार को मैट्रिक का रिजल्ट जारी किया। हर वर्ष बिहार में तकरीबन 2 लाख बच्चों की बढ़ोतरी बोर्ड लेवल पर होती है ऐसे में फेल हो जाने पर या किसी अन्य कारण से स्कूल छोड़ देने वाले बच्चों के लिए सरकार ने बीबाॅस की व्यवस्था की है।
बिहार बोर्ड के अलावे सीबीएसई, आईसीएसई एवं अन्य बोर्ड के रिजल्ट में ऐसे भी कई छात्र हैं जो फेल कर गए हैं,उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं, उनके लिए आगे की राह दिखाने के लिए BBOSE के दरवाजे खुले हैं।
जी हां, जमुई जिले का गिद्धौर महाराजा चन्द्रचूड़ विद्यामंदिर, बीबॉस यानी बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एंड एग्जामिनेशन से पंजीकृत है। जिसे www.bbose.org पर भी देखा जा सकता है।
गिद्धौर के महाराजा चन्द्रचूड़ विद्यामंदिर में वैसे सभी असफल परीक्षार्थी धडल्ले से आकर अपना पंजीकरण करा रहे हैं।
बिहार बोर्ड के अलावे सीबीएसई, आईसीएसई एवं अन्य बोर्ड के रिजल्ट में ऐसे भी कई छात्र हैं जो फेल कर गए हैं,उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं, उनके लिए आगे की राह दिखाने के लिए BBOSE के दरवाजे खुले हैं।
जी हां, जमुई जिले का गिद्धौर महाराजा चन्द्रचूड़ विद्यामंदिर, बीबॉस यानी बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एंड एग्जामिनेशन से पंजीकृत है। जिसे www.bbose.org पर भी देखा जा सकता है।
गिद्धौर के महाराजा चन्द्रचूड़ विद्यामंदिर में वैसे सभी असफल परीक्षार्थी धडल्ले से आकर अपना पंजीकरण करा रहे हैं।
[क्या है बीबाॅस]
पाठकों को बता दें कि, 'बीबाॅस' बिहार सरकार के शिक्षा विभाग का एक ऑटोनॉमस ऑर्गनाइजेशन है। इसे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न प्रकारों के द्वारा ICSE एवं CBSE बोर्ड के समतुल्य मान्यता प्रदान की गई है। इसके द्वारा मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थानों सहित सभी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वैध है।
वर्ष 2018 में बिहार बोर्ड के 10वीं व 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं में केवल 57- 68% विद्यार्थी ही सफल हो पाए थे। शेष असफल बच्चे बीबाॅस में नामांकन करा कर एक साल तक के समय की बचत कर अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकते हैं।
वर्ष 2018 में बिहार बोर्ड के 10वीं व 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं में केवल 57- 68% विद्यार्थी ही सफल हो पाए थे। शेष असफल बच्चे बीबाॅस में नामांकन करा कर एक साल तक के समय की बचत कर अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकते हैं।

[कैसे होता है नामांकन और परीक्षा]
ऐसे छात्र जो किसी भी मानता प्राप्त बोर्ड(ICSE/CBSE/BSEB) की परीक्षा में फेल हो गए हो या रिजल्ट असंतुष्टीजनक हो और कम से कम एक विषय में उत्तीर्ण हो वैसे छात्र-छात्राओं के नामांकन के लिए अगस्त माह तक फॉर्म भरा जाता है जिसकी परीक्षा दिसंबर माह में होती है। फाॅर्म भरते समय मैट्रिक/इन्टर का अंकपत्र के साथ दो फोटो आवेदन फाॅर्म के साथ संलग्न करना पड़ता है। इसमें उसी विषय का परीक्षा देना पड़ता है, जिसमें परीक्षार्थी फेल है या कम अंक प्राप्त किऐ हैं।
इस बोर्ड में सालों भर नामांकन का प्रावधान है।
परंतु परीक्षा वर्ष में दो बार(जून/ दिसंबर) माह में आयोजित की जाती है, तथा रिजल्ट अगस्त और फरवरी माह में प्रकाशित की जाती है।
इसके लिए गिद्धौर महाराजा चन्द्रचूड़ विद्यामंदिर के वरीय शिक्षक सह उपसमन्वयक कृष्णकान्त झा एवं समन्वयक मंजूर आलम से भी संपर्क किया जा सकता है।
इस बोर्ड में सालों भर नामांकन का प्रावधान है।
परंतु परीक्षा वर्ष में दो बार(जून/ दिसंबर) माह में आयोजित की जाती है, तथा रिजल्ट अगस्त और फरवरी माह में प्रकाशित की जाती है।
इसके लिए गिद्धौर महाराजा चन्द्रचूड़ विद्यामंदिर के वरीय शिक्षक सह उपसमन्वयक कृष्णकान्त झा एवं समन्वयक मंजूर आलम से भी संपर्क किया जा सकता है।
[वर्षों से छूटी है पढ़ाई, तो भी कर सकते हैं मैट्रिक-इंटर]
वर्षों से पढ़ाई छूटी हुई है बावजूद इसके बी बॉस से इच्छुक शिक्षार्थी मैट्रिक-इंटर कर सकते हैं।
उक्त संदर्भ के आशय में, उपसमन्वयक कृष्ण कान्त झा ने बताया कि समय और साल बचाने के लिए बीबाॅस का दूसरा विकल्प नहीं है।
उक्त संदर्भ के आशय में, उपसमन्वयक कृष्ण कान्त झा ने बताया कि समय और साल बचाने के लिए बीबाॅस का दूसरा विकल्प नहीं है।