
[gidhaur.com | न्यूज डेस्क]: - भविष्य के दिनों में प्रखण्ड के कुल 8 पंचायत के लगभग दर्जन भर से अधिक गाँवों को अगलगी की घटना से बच पाना काफी मुश्किल सा हो जाएगा। चौकिए मत जनाब, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि, गिद्धौर प्रखण्ड मुख्यालय में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।
अक्सर गर्मियों के मौसम में अगलगी की घटना ज्यादतर होती है, जिससे बचने हेतु प्रखण्ड मुख्यालय में ऐसी कोई वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, ऐसी हालत में एक मात्र सहारा और बचाव जमुई से अग्निशामक यंत्र को बुलाने से होता है।
हलांकि प्रखंड कार्यालय से जिला मुख्यालय तक की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है पर एन-एच-333 के जर्जर स्थिति से वाहन को पहुँचने में तकरीबन 45 मिनट का समय लग जाएगा। इस 45 मिनटों के दौरान में आग की तपिश न जाने कितने संपत्तियों की आहुति लेलेगी।
विशेषतः गर्मी के दिनों में आग की लपटें काफी तेज होती है, पलक झपटते ही अग्नि अपने भयंकर रूप को धारण कर, संपत्ति और मानव जाति को हानि पहुँचाती है।
विभाग द्वारा गिद्धौर प्रखण्ड मुख्यालय के साथ साथ प्रखंड के प्रत्येक पंचायत भवन में एक अग्गिशामक यंत्र को अवश्य उपलब्ध कराना चाहिए ताकि अगलगी जैसे किसी अप्रिय घटना पर आसानी से काबू पाया जा सके।
अक्सर गर्मियों के मौसम में अगलगी की घटना ज्यादतर होती है, जिससे बचने हेतु प्रखण्ड मुख्यालय में ऐसी कोई वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, ऐसी हालत में एक मात्र सहारा और बचाव जमुई से अग्निशामक यंत्र को बुलाने से होता है।
हलांकि प्रखंड कार्यालय से जिला मुख्यालय तक की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है पर एन-एच-333 के जर्जर स्थिति से वाहन को पहुँचने में तकरीबन 45 मिनट का समय लग जाएगा। इस 45 मिनटों के दौरान में आग की तपिश न जाने कितने संपत्तियों की आहुति लेलेगी।
विशेषतः गर्मी के दिनों में आग की लपटें काफी तेज होती है, पलक झपटते ही अग्नि अपने भयंकर रूप को धारण कर, संपत्ति और मानव जाति को हानि पहुँचाती है।
विभाग द्वारा गिद्धौर प्रखण्ड मुख्यालय के साथ साथ प्रखंड के प्रत्येक पंचायत भवन में एक अग्गिशामक यंत्र को अवश्य उपलब्ध कराना चाहिए ताकि अगलगी जैसे किसी अप्रिय घटना पर आसानी से काबू पाया जा सके।