Gidhaur.com (चकाई) : सीआरपीएफ कैम्प 215 /बी बटालियन घोरमो में सोमवार को सहायक कमांडेंट ब्रजेश कुमार के नेतृत्व में सीआरपीएफ जवानों ने शौर्य दिवस मनाया इस दौरान सभी जवानों को अवगत कराया गया कि 1965 में आज ही के दिन तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान की सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र पर अपना दावा स्थापित करने के लिए पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सीमा पर बनी 'सरदार' और 'टाक' चौकियों के विरूद्ध आपरेशन ''डेजर्ट'' चलाया था।
जिनकी सुरक्षा में उस दौरान सीआरपीएफ के द्वितीय बटालियन की चार कंपनियां तैनात थी। पाकिस्तान ने हमला बोल दिया था जिसका सीआरपीएफ के जवानों ने वीरतापूर्वक जबाव देकर हमले को असफल बनाया। इसमें पाकिस्तानी सेना के 34 जवान मारे गए थे और 4 जवानों को सीआरपीएफ द्वारा जीवित पकड़ लिया गया था।
जबकि इस कार्रवाई में सीआरपीएफ के 8 जवान भी शहीद हो गए थे और 19 जवान पाकिस्तानी सेना द्वारा बंधक बनाए गए थे। सीआरपीएफ ने पाकिस्तानी इंफेंट्री सेना को 12 घटे तक निकट नहीं आने दिया।
सैनिक लड़ाई के इतिहास में यह एक अद्वितीय कार्य है जिसमें अर्द्धसैनिक बल की एक छोटी सी टुकडी के जवानों ने एक पूरे ब्रिगेड के नियोजित आक्रमण को असफल किया था। जिसके बाद से यह दिन शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ सभी जवानों ने बटालियन के शहीद हुए जवानों को याद करते हुए यह संकल्प लिया कि वे अपने देश की आतरिक सुरक्षा व अन्य ड्यूटी के लिए तत्पर रहेंगे चाहे उसमें उन्हें अपने प्राणों की कुर्बानी ही क्यों न देनी पड़े।
इस मौके पर एसआई गलवारा सिंह, एसआई हरेंद्र कुमार, साहब सिंह, सुनील कुमार, घोष, राकेश कुमार, पंकज कुमार, मिथलेश कुमार, विजय कुमार निराला, गणेश कुमार तथा अन्य जवान उपस्थित थे।
सुधीर कुमार यादव
चकाई | 09/04/2018, सोमवार
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